तेहरान : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने घोषणा की है कि उनका देश बुधवार से 1,044 न्यूक्लियर सेंट्रीफ्यूज में यूरेनियम गैस का इंजेक्शन शुरू कर देगा. यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक साल पहले समझौते से पीछे हटने के बाद विश्व शक्तियों के साथ परमाणु समझौते से हटने का नवीनतम कदम है.
यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है क्योंकि 2015 के परमाणु समझौते के तहत सेंट्रीफ्यूज गैस इंजेक्शन के बिना खाली घूमते थे.
ईरान के इस कदम से यूरोपीय देशों पर भी समझौते में बने रहने का दबाव बढ़ गया है, जो टूटने की कगार पर है.
हालांकि अपनी घोषणा में, रूहानी ने यह नहीं बताया कि फोर्डो में स्थित सेंट्रीफ्यूज का उपयोग समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा या नहीं.
रूहानी ने कहा कि बुधवार को यूरेनियम गैस को सेंट्रीफ्यूज में इंजेक्ट किया जाएगा.
रूहानी का यह बयान इजराइली टीवी चैनल पर लाइव प्रसारित किया गया है. उनका यह बयान, तेहरान के परमाणु कार्यक्रम प्रमुख के बयान के बाद आया है, जिसमें परमाणु कार्यक्रम प्रमुख ने कहा है कि ऑपरेशन में उन्नत IR-6 सेंट्रीफ्यूज की संख्या दोगुनी कर दी गयी है.
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अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है कि संयुक्त राष्ट्र का परमाणु प्रहरी डील के साथ ईरान के अनुपालन की निगरानी कर रहा है.
यूरोपीय संघ ने सोमवार को ईरान से इस समझौते में लौटने की अपील की है जबकि ह्वाइट हाउस ने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की अंदरूनी सर्किल के सदस्यों को तेहरान के खिलाफ अपने अभियान के हिस्से के रूप में प्रतिबंधित कर रखा है.
गौरतलब है कि परमाणु समझौते के टूटने के बाद सऊदी अरब के तेल टैंकरों और तेल सुविधाओं पर रहस्यमय हमलों से तनाव बढ़ गया था. इस हमले का आरोप अमेरिका ने ईरान पर लगाया था.
हालांकि तेहरान ने अमेरिका द्वारा लगाये गये आरोप को खारिज कर दिया था, लेकिन उसने न सिर्फ तेल टैंकरों को जब्त कर लिया वरन अमेरिकी सैन्य निगरानी ड्रोन को भी मार गिराया था.