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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगी, कर्फ्यू लागू किया गया

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की प्रांतीय सरकार ने प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया है और बंदरगाह शहर ग्वादर में कर्फ्यू लगा दिया है. एक मौलवी मौलाना हिदायतुर रहमान के नेतृत्व में हक दो तहरीक (एचडीटी) से जुड़े प्रदर्शनकारी स्थानीय मछुआरों की कीमत पर ट्रॉलरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ लगभग दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं.

Protests banned in Pakistan Balochistan curfew imposed
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Dec 31, 2022, 8:32 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में प्रांतीय सरकार ने इस सप्ताह के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ हुए हिंसक संघर्ष में एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद बंदरगाह शहर ग्वादर में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ कर्फ्यू लागू कर दिया है. एक आधिकारिक वक्तव्य में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी. मौलाना हिदायतुर रहमान के नेतृत्व में हक दो तहरीक (एचडीटी) नामक संगठन से जुड़े प्रदर्शनकारी लगभग दो महीने से स्थानीय मछुआरों की जगह मशीनीकृत नौकाओं के जरिए अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस इलाके के स्थानीय मछुआरे अपनी आजीविका के लिए पीढ़ियों से मछली पकड़ने के व्यापार पर निर्भर हैं. आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा विरोध प्रदर्शन इस हफ्ते हिंसक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं, जिसमें मंगलवार को एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई. पुलिस प्रवक्ता असलम खान ने बताया कि हाशमी चौक पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कांस्टेबल यासिर के गले में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर जियाउल्लाह लैंगोव ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने पहले ही एचडीटी की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है और विरोध का कोई कारण नहीं है.

पढ़ें: नाइंसाफी रोक दें तो हम कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग नहीं करेंगे : राउत

सरकार ने एनएससी की बैठक बुलाई, आतंकवाद को परास्त करने का लिया गया संकल्प: पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक एवं सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को देश में 'आतंकवाद की हालिया लहर' को परास्त करने का संकल्प लिया और चेतावनी दी कि किसी को भी राष्ट्रीय सुरक्षा की अहम धारणा को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में बढ़ते आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक बुलाई थी. एनएससी देश की सुरक्षा संबंधी निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है.

एनएससी की बैठक में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकी समूह से पैदा हुए खतरे का मुकाबला करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. टीटीपी नवंबर में पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते से आधिकारिक रूप से हट गया था. उसके बाद आतंकी समूह ने कई हमले किए हैं. शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए. बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों और अन्य उच्च अधिकारियों ने भी भाग लिया. बैठक में देश में शांति एवं सुरक्षा की समग्र स्थिति पर चर्चा की गई. अधिकारियों के अनुसार बैठक में देश की अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था की स्थिति की भी व्यापक समीक्षा की गई.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में प्रांतीय सरकार ने इस सप्ताह के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ हुए हिंसक संघर्ष में एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद बंदरगाह शहर ग्वादर में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ कर्फ्यू लागू कर दिया है. एक आधिकारिक वक्तव्य में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी. मौलाना हिदायतुर रहमान के नेतृत्व में हक दो तहरीक (एचडीटी) नामक संगठन से जुड़े प्रदर्शनकारी लगभग दो महीने से स्थानीय मछुआरों की जगह मशीनीकृत नौकाओं के जरिए अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस इलाके के स्थानीय मछुआरे अपनी आजीविका के लिए पीढ़ियों से मछली पकड़ने के व्यापार पर निर्भर हैं. आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा विरोध प्रदर्शन इस हफ्ते हिंसक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं, जिसमें मंगलवार को एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई. पुलिस प्रवक्ता असलम खान ने बताया कि हाशमी चौक पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कांस्टेबल यासिर के गले में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर जियाउल्लाह लैंगोव ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने पहले ही एचडीटी की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है और विरोध का कोई कारण नहीं है.

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सरकार ने एनएससी की बैठक बुलाई, आतंकवाद को परास्त करने का लिया गया संकल्प: पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक एवं सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को देश में 'आतंकवाद की हालिया लहर' को परास्त करने का संकल्प लिया और चेतावनी दी कि किसी को भी राष्ट्रीय सुरक्षा की अहम धारणा को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में बढ़ते आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक बुलाई थी. एनएससी देश की सुरक्षा संबंधी निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है.

एनएससी की बैठक में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकी समूह से पैदा हुए खतरे का मुकाबला करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. टीटीपी नवंबर में पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते से आधिकारिक रूप से हट गया था. उसके बाद आतंकी समूह ने कई हमले किए हैं. शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए. बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों और अन्य उच्च अधिकारियों ने भी भाग लिया. बैठक में देश में शांति एवं सुरक्षा की समग्र स्थिति पर चर्चा की गई. अधिकारियों के अनुसार बैठक में देश की अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था की स्थिति की भी व्यापक समीक्षा की गई.

(पीटीआई-भाषा)

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