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Pakistani Leader Shot Dead : स्वाबी में अवामी नेशनल पार्टी के नेता जावेद खान की गोली मारकर हत्या - पाकिस्तानी नेता जावेद खान

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी क्षेत्र में अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता जावेद खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Pakistan Awami National Party
प्रतिकात्मक तस्वीर
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By ANI

Published : Oct 1, 2023, 1:49 PM IST

Updated : Oct 1, 2023, 2:23 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला थम नहीं रहा है. शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के प्रांतीय परिषद सदस्य जावेद खान (55 वर्ष) की हत्या कर दी गई. घटना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी क्षेत्र की बतायी जाती है.

जानकारी के मुताबिक दो अज्ञात मोटरसाइकिल चालकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने इलाके के डीएसपी जवाद खान के हवाले से लिखा है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि एएनपी नेता को हमलावरों ने बहुत करीब से गोली मारी थी. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, खान ने कहा कि हमलावर उनके करीब आए और उन पर गोलियां चला दीं.

जावेद खान के बेटे अब्बास खान ने पुलिस को बताया कि जब उन्हें अपने पिता की मौत की खबर मिली तो वह स्वाबी शहर में जरूरी सामान खरीद रहे थे. उन्होंने बताया कि उनके पिता कासिमखेल इलाके में स्वाबी कब्रिस्तान के पास मृत पड़े थे. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अब्बास खान ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार अचानक आए और पिस्तौल से उनके पिता पर गोलियां चला दीं. गोलियां के तुरंत बाद ही मौके पर उनकी मौत हो गई. हमलावर मौके से भागने में कामयाब रहे.

एएनपी के जिला महासचिव नवाबजादा ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह आतंकवादी घटना है या निजी दुश्मनी. डीएसपी जवाद खान ने दावा किया कि यह आतंकवादी घटना प्रतीत नहीं होती है. ऐसा लगता है कि उनके रिश्तेदारों ने उन्हें अपना निशाना बनाया है. जिनके साथ उनके परिवार का झगड़ा चल रहा था.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले सितंबर में, खैबर पख्तूनख्वा के बारा में बार कंबार खेल जनजाति के बुजुर्गों ने लक्षित हत्याओं की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. कानून प्रवर्तन बलों से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया था. 17 सितंबर को तकिया कौमी मरकज में बुलाई गई जिरगा के दौरान, बार कंबरखेल के बुजुर्गों ने लक्षित हत्याओं के खिलाफ अधिकारियों की निष्क्रियता को आपराधिक लापरवाही बताया और कहा कि अब तक उन अपराधों में शामिल किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जिरगा भविष्य में लक्षित हत्याओं के पीड़ितों को दफन न करते हुए विरोध प्रदर्शन करने के बारा सियासी इत्तेहाद के फैसले से सहमत है. लक्षित हत्या की घटनाओं और अन्य स्थानीय चिंताओं के संबंध में चर्चा करने के लिए जिरगा प्रतिभागियों ने बार कंबरखेल की प्रत्येक उप-जनजाति के दस प्रतिनिधियों की एक समिति भी बनाई है.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला थम नहीं रहा है. शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के प्रांतीय परिषद सदस्य जावेद खान (55 वर्ष) की हत्या कर दी गई. घटना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी क्षेत्र की बतायी जाती है.

जानकारी के मुताबिक दो अज्ञात मोटरसाइकिल चालकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने इलाके के डीएसपी जवाद खान के हवाले से लिखा है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि एएनपी नेता को हमलावरों ने बहुत करीब से गोली मारी थी. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, खान ने कहा कि हमलावर उनके करीब आए और उन पर गोलियां चला दीं.

जावेद खान के बेटे अब्बास खान ने पुलिस को बताया कि जब उन्हें अपने पिता की मौत की खबर मिली तो वह स्वाबी शहर में जरूरी सामान खरीद रहे थे. उन्होंने बताया कि उनके पिता कासिमखेल इलाके में स्वाबी कब्रिस्तान के पास मृत पड़े थे. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अब्बास खान ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार अचानक आए और पिस्तौल से उनके पिता पर गोलियां चला दीं. गोलियां के तुरंत बाद ही मौके पर उनकी मौत हो गई. हमलावर मौके से भागने में कामयाब रहे.

एएनपी के जिला महासचिव नवाबजादा ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह आतंकवादी घटना है या निजी दुश्मनी. डीएसपी जवाद खान ने दावा किया कि यह आतंकवादी घटना प्रतीत नहीं होती है. ऐसा लगता है कि उनके रिश्तेदारों ने उन्हें अपना निशाना बनाया है. जिनके साथ उनके परिवार का झगड़ा चल रहा था.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले सितंबर में, खैबर पख्तूनख्वा के बारा में बार कंबार खेल जनजाति के बुजुर्गों ने लक्षित हत्याओं की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. कानून प्रवर्तन बलों से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया था. 17 सितंबर को तकिया कौमी मरकज में बुलाई गई जिरगा के दौरान, बार कंबरखेल के बुजुर्गों ने लक्षित हत्याओं के खिलाफ अधिकारियों की निष्क्रियता को आपराधिक लापरवाही बताया और कहा कि अब तक उन अपराधों में शामिल किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जिरगा भविष्य में लक्षित हत्याओं के पीड़ितों को दफन न करते हुए विरोध प्रदर्शन करने के बारा सियासी इत्तेहाद के फैसले से सहमत है. लक्षित हत्या की घटनाओं और अन्य स्थानीय चिंताओं के संबंध में चर्चा करने के लिए जिरगा प्रतिभागियों ने बार कंबरखेल की प्रत्येक उप-जनजाति के दस प्रतिनिधियों की एक समिति भी बनाई है.

Last Updated : Oct 1, 2023, 2:23 PM IST
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