काबुल : अफगानिस्तान के जलालाबाद में तालिबानी लड़ाकों ने सड़क पर प्रदर्शन कर रही भीड़ पर गोली चलाई. वे लोग अफगानिस्तान के राष्ट्रीय झंडे को दफ्तरों पर लगाने की मांग कर रहे थे.
प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए जाएं, न कि तालिबान आतंकवादियों का झंडा. उन्होंने तालिबान ध्वज को पूरी तरह से खारिज कर दिया.
इसकी जानकारी मिलते ही तालिबान ने प्रदर्शनकारियों पर खुलेआम फायरिंग की. घटना में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए. अफगानिस्तान के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी.
-
#Taliban firing on protesters in Jalalabad city and beaten some video journalists. #Afghanidtan pic.twitter.com/AbM2JHg9I2
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#Taliban firing on protesters in Jalalabad city and beaten some video journalists. #Afghanidtan pic.twitter.com/AbM2JHg9I2
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021#Taliban firing on protesters in Jalalabad city and beaten some video journalists. #Afghanidtan pic.twitter.com/AbM2JHg9I2
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021
वहीं, स्थानीय न्यूज चैनल के मुताबिक खोस्त इलाके में भी राष्ट्रीय ध्वज के समर्थन में जगह- जगह विरोध प्रदर्शन हुए. दर्जनों लोगों ने बुधवार को अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया और तालिबान का झंडा उतार दिया।.इसके बाद तालिबान ने गोलियां चलाईं और लोगों के साथ मारपीट की.
-
Protest in Jalalabad city in support of National flag.#Afghanistan pic.twitter.com/oxv3GL0hmS
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Protest in Jalalabad city in support of National flag.#Afghanistan pic.twitter.com/oxv3GL0hmS
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021Protest in Jalalabad city in support of National flag.#Afghanistan pic.twitter.com/oxv3GL0hmS
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021
इससे पहले अफगान महिलाओं के एक समूह को अपने अधिकारों की मांग करते हुए अफगानिस्तान में पहला सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा गया था. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा, काम करने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और राजनीतिक भागीदारी के अधिकार सहित अपने अधिकारों की मांग करते हुए सुना जा सकता है.
एक दूसरे घटनाक्रम में तालिबानियों ने बल्ख प्रांत की महिला गवर्नर सलीमा गाजरी को बंधक बना लिया है. बता दें कि अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में जब तालिबान ने कब्जे की लड़ाई शुरू की थी, तो गवर्नर सलीमा मजारी ने तालिबान के खिलाफ हथियार उठा लिए, जिस वक्त अफगानिस्तान के लीडर देश छोड़कर भाग रहे थे, उस समय सलीमा चारकिंट में ही मौजूद रहीं और जनता की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ी. गौरतलब है कि चारकिंट अकेला ऐसा जिला था जिसे महिला गवर्नर चला रही थी और पूरे अफगानिस्तान पर कब्जे से पहले इस जिले ने तालिबानियों के आगे सरेंडर नहीं किया था.
मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने दावा किया है कि तालिबानियों ने बामियान में हाजरा नेता अब्दुल अली माजरा के स्टैच्यू को तोड़ दिया है. हाजरा की 1995 में हत्या कर दी गई थी. तालिबानियों ने एम्यूजमेंट पार्क को तहस-नहस कर दिया है.
जब से 15 अगस्त को आतंकवादी समूह ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, कई अफगान देश छोड़कर भाग गए हैं और हजारों अभी भी काबुल हवाई अड्डे पर उड़ान में सवार होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
तालिबान ने मंगलवार को पूरे अफगानिस्तान में 'आम माफी' की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया. इसके अलावा तालिबान ने सभी सरकारी अधिकारियों से भी माफी मांगी है और उनसे काम पर लौटने का आग्रह किया है.
कई अफगानिस्तानियों को इस बात का डर है कि तालिबान के आने से देश में बर्बर शासन लौट आएगा, जैसा कि उसके पिछले शासन में देखा गया था.
बता दें कि रविवार को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.