कोलंबो: ईस्टर के दिन हुए सीरियल बम धमाकों के बाद श्रीलंका ने 200 मौलानाओं का निष्कासन किया है. हमलों के करीब 15 दिनों के बाद श्रीलंका अब तक 600 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को निष्कासित कर चुका है. इसी बीच कल सोमवार से स्कूल भी खोल दिए जाएंगे.
रविवार को श्रीलंका के गृह मंत्री वाजिरा अभयवर्द्धने ने कहा कि ईस्टर आत्मघाती बम धमाकों के बाद से अब तक 200 मौलानाओं समेत 600 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को निष्कासित किया जा चुका है.
अभयवर्द्धने ने बताया कि मौलाना वैध रूप से देश में आए थे, लेकिन हमलों के बाद हुई सुरक्षा जांच में पाया गया कि वह वीजा खत्म होने के बावजूद देश में रह रहे थे. इसके लिये उन पर जुर्माना लगाकर देश से निष्कासित कर दिया गया.
गृह मंत्री अभयवर्द्धने ने कहा, 'देश में सुरक्षा की ताजा स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने वीजा प्रणाली की समीक्षा की और धार्मिक शिक्षकों के लिये वीजा प्रतिबंध को कड़ा करने का निर्णय लिया.' उन्होंने कहा, 'निष्कासित किये गए लोगों में 200 मौलाना हैं.'
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फिर से खुलेंगे श्रीलंका के स्कूल
हमलों के दो सप्ताह के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को श्रीलंका में फिर से स्कूल खुलेंगे. हमले के बाद अधिकारियों ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद कर दिया था.
कोलंबो में प्रकाशित समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, सोमवार को छठी से लेकर 13 वीं कक्षा तक के सभी सरकारी स्कूलों का दूसरा सत्र शुरू हो जाएगा. पहली से लेकर पांचवीं तक का दूसरा सत्र 13 मई को शुरू होगा.
हालांकि, सरकारी सूचना के महानिदेशक नलका कलुवेवा के मुताबिक, कक्षा छठी और उससे ऊपर की कक्षाएं ही चलेंगी.
मंत्री अकिला विराज करियावासम ने बताया कि स्कूल के नए सत्र की शुरूआत के साथ स्कूल परिसरों में एक विशेष सुरक्षा कार्यक्रम को लागू किया जाएगा.
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रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूलों की सुरक्षा के सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष परिपत्र जारी किए गये हैं.
गौरतलब है कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी. इन धमाकों में 500 से ज्यादा घायल हुए थे.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक इन हमलों को स्थानीय मौलाना ने अंजाम दिया था, जिसने हमले से पहले पड़ोसी देश भारत का दौरा कर जिहादियों से संपर्क बनाए थे. हमले की जिम्मेदारी एक स्थानीय जिहादी समूह ने ली थी.