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पाक की अदालत ने शरीफ की सजा पर सुनवाई टाली, सेहत का लिया जायजा

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सजा की सुनवाई आठ सप्ताह के लिए टाल दी. इस दौरान शरीफ की सेहत के बारे में भी ताजा रिपोर्ट पेश की गई. शरीफ के निजी डॉक्टर ने अदालत को बताया कि अनियमित प्लेटलेट्स काउंट के कारण उनकी स्थिति काफी नाजुक है. जानें विस्तार से...

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (फाइल फोटो)
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Published : Oct 30, 2019, 12:01 AM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सजा पर सुनवाई आठ सप्ताह के लिए टाल दी. दरअसल उनकी तबीयत में काफी गिरावट होने के कारण रिहाई से जमानत देने का रास्ता साफ हुआ है.

बता दें कि 69 वर्षीय शरीफ को सोमवार की रात को पाकिस्तान के एंटी-ग्राफ्ट बॉडी की कस्टडी सेवा में अस्पताल में भर्ती कराया गया था क्योंकि उनका प्लेटलेट्स 2,000 के निचले स्तर तक गिर गया था.

शरीफ को अल अजीजिया मामले में पिछले साल दिसम्बर में सात साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी. उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा चिकित्सा आधार पर शनिवार को अंतरिम जमानत दी गयी थी.

गौरतलब है कि IHC की दो सदस्यीय पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी शामिल हैं. मामले की सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट में शरीफ की सेहत के बारे में ताजा रिपोर्ट पेश की गयी.

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शरीफ के निजी डॉक्टर ने अदालत को बतायी स्थिति

शरीफ के वकील और निजी डॉक्टर ने अदालत को बताया कि अनियमित प्लेटलेट्स काउंट के कारण उनकी स्थिति अच्छी नहीं थी. शरीफ का इलाज करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, वह एक ऑटोइम्यून रक्त विकार से पीड़ित है. इसमें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है.

तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसकी घोषणा कुछ समय बाद की जाएगी.

अदालत ने उनकी सजा को निलंबित करते हुए आठ सप्ताह की जमानत देने का आदेश दिया. साथ में यह भी कहा कि उन्हें जमानत में किसी भी विस्तार के लिए पंजाब सरकार से सम्पर्क करना चाहिए.

अदालत के अनुसार शरीफ की रिहाई के लिए दो-दो करोड़ रुपये का दो जमानती बांड अदालत में पेश करना होगा.

शरीफ पहले कोट लखपत जेल में थे, लेकिन इस महीने की शुरुआत में नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) की हिरासत में भेज दिया गया था, जो चौधरी शुगर मिल मामले में शरीफ परिवार की जांच कर रहा है.

ज्ञात हो कि शरीफ ने पिछले सप्ताह लाहौर उच्च न्यायालय से चौधरी शुगर मिल मामले में चिकित्सा आधार पर जमानत प्राप्त की थी.

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अदालत ने डॉक्टरों से सवाल-जवाब किया

IHC ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान डॉक्टरों से सवाल-जवाब किये, जो शरीफ के इलाज की देखरेख करने वाले मेडिकल बोर्ड का हिस्सा हैं कि क्या उनके लिए अस्पताल में रहकर ठीक होना संभव है.

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि डॉक्टरों ने नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो को हर समय चिकित्सा पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है.

बोर्ड ने अदालत को सूचित किया कि शरीफ को अपना प्लेटलेट काउंट वापस लाने के लिए 80 इंजेक्शन दिये गये - जोकि सामान्य रूप से खतरनाक स्तर तक गिर जाने का संकेत है.

इसे भी पढे़ं - नवाज शरीफ की हालत थोड़ी बेहतर : चिकित्सक

पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार भी अदालत में पेश

यह पूछे जाने पर कि क्या शरीफ को उनके चिकित्सा उपचार के दौरान दिल का दौरा भी पड़ा, इसपर डॉक्टरों ने सकारात्मक जवाब दिया.

सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत में पहुंचे शरीफ के निजी चिकित्सक डॉ. अदनान खान ने कहा कि अब तक, बोर्ड पूर्व वजीरे-आजम के शरीर में प्लेटलेट्स के नष्ट होने के कारण का पता नहीं लगा पाया है.

इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार भी अदालत में पेश हुए. उन्होंने पीठ को आश्वासन दिया कि प्रांतीय सरकार पूर्व प्रमुख को सबसे अच्छी चिकित्सा सेवा प्रदान कर रही है. उन्होंने पीठ से कहा कि प्रांतीय सरकार जेल सुधारों में बदलाव के लिए काम कर रही है.

इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सजा पर सुनवाई आठ सप्ताह के लिए टाल दी. दरअसल उनकी तबीयत में काफी गिरावट होने के कारण रिहाई से जमानत देने का रास्ता साफ हुआ है.

बता दें कि 69 वर्षीय शरीफ को सोमवार की रात को पाकिस्तान के एंटी-ग्राफ्ट बॉडी की कस्टडी सेवा में अस्पताल में भर्ती कराया गया था क्योंकि उनका प्लेटलेट्स 2,000 के निचले स्तर तक गिर गया था.

शरीफ को अल अजीजिया मामले में पिछले साल दिसम्बर में सात साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी. उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा चिकित्सा आधार पर शनिवार को अंतरिम जमानत दी गयी थी.

गौरतलब है कि IHC की दो सदस्यीय पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी शामिल हैं. मामले की सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट में शरीफ की सेहत के बारे में ताजा रिपोर्ट पेश की गयी.

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शरीफ के निजी डॉक्टर ने अदालत को बतायी स्थिति

शरीफ के वकील और निजी डॉक्टर ने अदालत को बताया कि अनियमित प्लेटलेट्स काउंट के कारण उनकी स्थिति अच्छी नहीं थी. शरीफ का इलाज करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, वह एक ऑटोइम्यून रक्त विकार से पीड़ित है. इसमें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है.

तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसकी घोषणा कुछ समय बाद की जाएगी.

अदालत ने उनकी सजा को निलंबित करते हुए आठ सप्ताह की जमानत देने का आदेश दिया. साथ में यह भी कहा कि उन्हें जमानत में किसी भी विस्तार के लिए पंजाब सरकार से सम्पर्क करना चाहिए.

अदालत के अनुसार शरीफ की रिहाई के लिए दो-दो करोड़ रुपये का दो जमानती बांड अदालत में पेश करना होगा.

शरीफ पहले कोट लखपत जेल में थे, लेकिन इस महीने की शुरुआत में नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) की हिरासत में भेज दिया गया था, जो चौधरी शुगर मिल मामले में शरीफ परिवार की जांच कर रहा है.

ज्ञात हो कि शरीफ ने पिछले सप्ताह लाहौर उच्च न्यायालय से चौधरी शुगर मिल मामले में चिकित्सा आधार पर जमानत प्राप्त की थी.

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अदालत ने डॉक्टरों से सवाल-जवाब किया

IHC ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान डॉक्टरों से सवाल-जवाब किये, जो शरीफ के इलाज की देखरेख करने वाले मेडिकल बोर्ड का हिस्सा हैं कि क्या उनके लिए अस्पताल में रहकर ठीक होना संभव है.

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि डॉक्टरों ने नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो को हर समय चिकित्सा पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है.

बोर्ड ने अदालत को सूचित किया कि शरीफ को अपना प्लेटलेट काउंट वापस लाने के लिए 80 इंजेक्शन दिये गये - जोकि सामान्य रूप से खतरनाक स्तर तक गिर जाने का संकेत है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार भी अदालत में पेश

यह पूछे जाने पर कि क्या शरीफ को उनके चिकित्सा उपचार के दौरान दिल का दौरा भी पड़ा, इसपर डॉक्टरों ने सकारात्मक जवाब दिया.

सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत में पहुंचे शरीफ के निजी चिकित्सक डॉ. अदनान खान ने कहा कि अब तक, बोर्ड पूर्व वजीरे-आजम के शरीर में प्लेटलेट्स के नष्ट होने के कारण का पता नहीं लगा पाया है.

इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार भी अदालत में पेश हुए. उन्होंने पीठ को आश्वासन दिया कि प्रांतीय सरकार पूर्व प्रमुख को सबसे अच्छी चिकित्सा सेवा प्रदान कर रही है. उन्होंने पीठ से कहा कि प्रांतीय सरकार जेल सुधारों में बदलाव के लिए काम कर रही है.

ZCZC
PRI GEN INT
.ISLAMABAD FGN49
PAK-SHARIF-LD COURT
Pak court suspends Sharif's sentence for 8 weeks on medical grounds in graft case
(Eds: Updating with more details)
         Islamabad, Oct 29 (PTI) A Pakistani court on Tuesday suspended the sentence of ailing former premier Nawaz Sharif for eight weeks in a corruption case, paving way for his release on bail as his condition deteriorated after a drastic drop in his blood platelet count.
          Sharif, 69, was admitted to the Services Hospital on Monday night from Pakistan's anti-graft body's custody after his platelets dropped to a critical low level of 2,000.
          Sharif was sentenced to seven years in jail in December last year in the Al Azizia case. He was granted interim bail on Saturday by the Islamabad High Court's (IHC) on medical grounds.
          As the interim bill expired on Tuesday, a two-member bench of the IHC comprising Justice Aamir Farooq and Justice Mohsin Akhtar Kiyani heard the case. Fresh reports on Sharif's health were submitted in the court.
          Sharif's lawyer and personal doctor told the court that his condition was not good due to erratic platelets count.
         According to the doctors treating Sharif, he is suffering from an autoimmune blood disorder requiring immediate medical attention.
          After hearing the arguments, the court reserved the judgment for a short time which it announced later on.
         The court ordered to give eight-week bail to Sharif by suspending his sentence. It also said that he should approach the government of Punjab for any extension in the bail.
         The court said that two surety bonds of Rs2 million each should to be submitted to the court to secure Sharif's release.
          Sharif was in Kot Lakhpat jail but early this month was sent to the custody of National Accountability Bureau (NAB) which is probing the Sharif family in the Chaudhry Sugar Mills case.
          Sharif last week procured bail on medical grounds in the Chaudhry Sugar Mills case from the Lahore High Court.
         During the hearing on Tuesday, the IHC asked doctors, who are part of the medical board overseeing Sharif's treatment, if it was possible for him to recover without staying in the hospital. The doctors responded in the negative and said that the PML-N supremo required medical supervision at all times, the Dawn reported.
          The board informed the court that Sharif had been given 80 injections in order to bring his platelet count - which was reported to have dropped to dangerous levels - to normal.
          When asked if Sharif had suffered a heart attack during his medical treatment, the doctors responded in the affirmative.
          Sharif's personal physician Dr Adnan Khan, who had arrived in court before the hearing started, said that so far, the board was not able to figure out the reason behind the destruction of the platelets in the former premier's body.
          Punjab Chief Minister Usman Buzdar, who appeared before court today, assured the bench that the provincial government was providing the best medical care to the former premier. He told the bench that the provincial government was working to bring forth prison reforms. PTI
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