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पाक की अदालत ने शरीफ की जमानत याचिका खारिज की

पाक अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में फंसे नवाज शरीफ की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

पाक की अदालत ने शरीफ की जमानत याचिका खारिज की
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Published : Jun 21, 2019, 12:02 AM IST

इस्लामाबादः जेल में बंद नवाज शरीफ को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है. पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की याचिका को खारिज कर दिया. शरीफ ने अपनी याचिका में भ्रष्टाचार मामले में मिली सजा को चिकित्सीय आधार पर निलंबित करने और जमानत दिए जाने की मांग की थी.

आपको बता दें, शरीफ 24 दिसंबर 2018 से लाहौर की कोट लखपत जेल में हैं और सात साल की सजा काट रहे हैं. पनामा पेपर मामले में शीर्ष अदालत के 28 जुलाई, 2017 के आदेश के मद्देनजर एक जवाबदेही अदालत ने अल अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में उन्हें दोषी ठहराया था.

स्थानीय न्यूज चैनल के मुताबिक इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली एक पीठ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो की याचिका खारिज कर दी. इस पीठ में न्यायमूर्ति अमर फारूक और न्यायमूर्ति अख्तर कियानी शामिल थे.

मामले में पूर्व में हुई सुनवाइयों के दौरान शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने अदालत को बताया था कि उनके मुवक्किल मधुमेह, रक्तचाप एवं ह्रदय संबंधी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जिनका पाकिस्तान में इलाज मुमकिन नहीं.

पढ़ेंः प्रधानमंत्री मोदी ने दिया पाक PM इमरान के खत का जवाब, कही ये बात...

उन्होंने शरीफ के जीवन पर खतरा बताते हुए पीठ से उन्हें जमानत देने का आग्रह किया.

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अभियोजक जहानजेब भरवाना ने जमानत याचिका का यह कह कर विरोध किया कि पूर्व प्रधानमंत्री को पर्याप्त चिकित्सीय सुविधा दी जा रही है. और अदालत से याचिका खारिज करने की मांग की.

लेकिन कोट लखपत जेल के अधीक्षक और एक चिकित्सीय अधिकारी ने इस हफ्ते अदालत को सूचित किया कि शरीफ को दिए जा रहे मौजूदा चिकित्सीय इलाज से उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो रहा है.

इस्लामाबादः जेल में बंद नवाज शरीफ को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है. पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की याचिका को खारिज कर दिया. शरीफ ने अपनी याचिका में भ्रष्टाचार मामले में मिली सजा को चिकित्सीय आधार पर निलंबित करने और जमानत दिए जाने की मांग की थी.

आपको बता दें, शरीफ 24 दिसंबर 2018 से लाहौर की कोट लखपत जेल में हैं और सात साल की सजा काट रहे हैं. पनामा पेपर मामले में शीर्ष अदालत के 28 जुलाई, 2017 के आदेश के मद्देनजर एक जवाबदेही अदालत ने अल अजीजिया स्टील मिल्स भ्रष्टाचार मामले में उन्हें दोषी ठहराया था.

स्थानीय न्यूज चैनल के मुताबिक इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली एक पीठ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो की याचिका खारिज कर दी. इस पीठ में न्यायमूर्ति अमर फारूक और न्यायमूर्ति अख्तर कियानी शामिल थे.

मामले में पूर्व में हुई सुनवाइयों के दौरान शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने अदालत को बताया था कि उनके मुवक्किल मधुमेह, रक्तचाप एवं ह्रदय संबंधी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जिनका पाकिस्तान में इलाज मुमकिन नहीं.

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उन्होंने शरीफ के जीवन पर खतरा बताते हुए पीठ से उन्हें जमानत देने का आग्रह किया.

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अभियोजक जहानजेब भरवाना ने जमानत याचिका का यह कह कर विरोध किया कि पूर्व प्रधानमंत्री को पर्याप्त चिकित्सीय सुविधा दी जा रही है. और अदालत से याचिका खारिज करने की मांग की.

लेकिन कोट लखपत जेल के अधीक्षक और एक चिकित्सीय अधिकारी ने इस हफ्ते अदालत को सूचित किया कि शरीफ को दिए जा रहे मौजूदा चिकित्सीय इलाज से उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो रहा है.

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PRI GEN INT
.ISLAMABAD FGN38
PAK-LD SHARIF
Pak court rejects Sharif's plea for bail on medical grounds
By Sajjad Hussain
(Eds: Updating with more details)
         Islamabad, Jun 20 (PTI) A Pakistani court on Thursday turned down a plea by jailed prime minister Nawaz Sharif to suspend his sentence in a corruption case and grant him bail on medical grounds.
         Sharif has been serving a seven-year prison term at the Kot Lakhpat Jail in Lahore since December 24, 2018 when an accountability court convicted him in the Al-Azizia steel mills corruption case filed in the wake of the apex court's July 28, 2017 order in Panama Papers case.
         A two-judge Islamabad High Court (IHC) bench comprising Justices Aamer Farooq and Mohsin Akhtar Kiyani rejected the plea to grant bail to 69-year-old Pakistan Muslim League-Nawaz (PML-N) supremo after hearing arguments by his lawyer Khawaja Harris.
         During previous hearings of the case, Haris told the court that his client was suffering from multiple dangerous diseases including diabetes, blood pressure and cardiac-related problems that cannot be treated in Pakistan, pleading to the bench to grant him bail as his life is in danger.
         National Accountability Bureau (NAB) prosecutor Jahanzeb Bharwana opposed the bail plea by saying adequate medical care was given to the former premier and and asked the court to dismiss the petition.
         The superintendent of the Kot Lakhpat jail and a medical officer earlier this week informed the court that Sharif's health condition was better under the current medical treatment offered to him.
         Sharif and his family have denied any wrongdoing and allege that the corruption cases against them were politically motivated.
         On March 26, the Supreme Court suspended Sharif's seven-year sentence in the Al-Azizia Steel Mills corruption case and granted him bail for six weeks with a condition that he would not leave Pakistan.
         In May, the apex court rejected his review petition seeking bail on medical grounds and permission to go abroad for medical treatment.
         The apex court ordered him to surrender before the court as soon as his interim bail period ended. The bench, however, suggested his counsel to approach appropriate forum to get relief.
         Sharif's counsel had approached IHC and cited medical reports stating that his condition was critical and required a stress-free environment to recuperate. PTI ZH/SH
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