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यूएसएस निमित्ज व रोनाल्ड रीगन चीन से भयभीत नहीं : अमेरिकी नौसेना

चीन ने अमेरिका के यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन की दक्षिण चीन सागर में उपस्थिति को लेकर कहा था कि उसके पास कई विमान वाहक रोधी हथियार हैं. इसको लेकर अमेरिकी नौसेना ने चीन पर वार करते हुए कि यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन को चीन से डर नहीं लगता.

US aircraft carrier
यूएसएस निमित्ज
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Published : Jul 6, 2020, 12:42 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिकी नौसेना ने चीन पर पलटवार करते हुए कहा है कि यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन उससे भयभीत नहीं हैं. अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में दो बड़े विमान वाहक जहाजों को भेजा है. इनका उद्देश्य वहां चीन के दखल को रोकना और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में निर्बाध आवाजाही सुनिश्‍चित करना है. इसे लेकर चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि चीन के पास बड़ी संख्या में विमान वाहक रोधी हथियार हैं.

चीन के स्वामित्व वाले ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि चीन के पास डीएफ-21डी और डीएफ-26 जैसी मिलाइलें हैं. दक्षिण चीन सागर पूरी तरह से पीएलए की मुट्ठी में है. अमेरिकी विमान वाहक जहाज की कोई भी गतिविधि पीएलए की मर्जी के बगैर नहीं हो सकती.

अमेरिकी नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर सीन ब्रोफी ने इस बारे में बताया कि यूएसएस निमित्ज (सीवीएन 68) और यूएसएस रोनाल्ड रीगन (सीवीएन 76) दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए द्वंद्व वाहक संचालन और अभ्यास आयोजित कर रहे हैं.

आपको बता दें कि इससे पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के चलते भारतीय नौसेना ने अपने निगरानी अभियानों में वृद्धि करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन तैनाती को बढ़ा दिया है.

पढ़ें-यूएस नेवी के विमानवाहक युद्धपोतों का दक्षिण चीन समुद्र में अभ्‍यास

वॉशिंगटन : अमेरिकी नौसेना ने चीन पर पलटवार करते हुए कहा है कि यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन उससे भयभीत नहीं हैं. अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में दो बड़े विमान वाहक जहाजों को भेजा है. इनका उद्देश्य वहां चीन के दखल को रोकना और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में निर्बाध आवाजाही सुनिश्‍चित करना है. इसे लेकर चीन के सरकारी मीडिया ने कहा है कि चीन के पास बड़ी संख्या में विमान वाहक रोधी हथियार हैं.

चीन के स्वामित्व वाले ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि चीन के पास डीएफ-21डी और डीएफ-26 जैसी मिलाइलें हैं. दक्षिण चीन सागर पूरी तरह से पीएलए की मुट्ठी में है. अमेरिकी विमान वाहक जहाज की कोई भी गतिविधि पीएलए की मर्जी के बगैर नहीं हो सकती.

अमेरिकी नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर सीन ब्रोफी ने इस बारे में बताया कि यूएसएस निमित्ज (सीवीएन 68) और यूएसएस रोनाल्ड रीगन (सीवीएन 76) दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए द्वंद्व वाहक संचालन और अभ्यास आयोजित कर रहे हैं.

आपको बता दें कि इससे पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध के चलते भारतीय नौसेना ने अपने निगरानी अभियानों में वृद्धि करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन तैनाती को बढ़ा दिया है.

पढ़ें-यूएस नेवी के विमानवाहक युद्धपोतों का दक्षिण चीन समुद्र में अभ्‍यास

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