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चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से खतरा बहुत वास्तविक : अमेरिकी विदेश मंत्री - चीन की कम्युनिस्ट पार्टी

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार की अहम मौकों पर सच न बताने की प्रवृत्ति रही है. उन्होंने कहा कि आज भी वे उन स्थानों तक जाने से रोक रहे हैं, जहां पहुंचा जाना चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोरोना वायरस दुनियाभर में कैसे फैला.

Pompeo
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Published : Jul 30, 2020, 4:59 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे को बिल्कुल वास्तविक बताया है. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने बीजिंग के साथ संबंधों को फिर से संतुलित करने के लिए सही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे अमेरिकियों की आजादी की रक्षा हो सके.

पोम्पिओ ने उम्मीद जताई कि चीन यह फैसला लेगा कि व्यापार सौदे के पहले चरण के तहत उनकी प्रतिबद्धताओं का पालन किया जाए. उन्होंने कहा, 'हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या वे अपने दायित्वों को पूरा करते हैं.'

अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा, 'अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य से देखें तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में चुनाव प्रचार अभियान के समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जिस खतरे की पहचान की थी, वह वास्तविक है. इसलिए हमने इस संबंध को फिर से संतुलित करने के लिए सभी सही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, ताकि अमेरिकी लोगों की आजादी की रक्षा हो सके.'

उन्होंने कहा, 'हमने व्यापार संबंधों में गैर पारस्परिक रवैया देखा, जहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने बौद्धिक संपदा की चोरी की और फिर वापस हमें बेच दी, राज्य प्रायोजित उद्योगों को ठगा, उस स्तर तक जाकर साइबर चोरी की, जहां तक आज कोई देश पहुंच भी नहीं सकता.'

पढ़ें : शी के नेतृत्व में चीन हो गया आक्रामक : निक्की हेली

एक सवाल के जवाब में पोम्पिओ ने कहा कि कम्युनिस्ट सरकार की अहम मौकों पर सच न बताने की प्रवृत्ति रही है. उन्होंने कहा कि आज भी वे उन स्थानों तक जाने से रोक रहे हैं जहां पहुंचा जाना चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोरोना वायरस दुनिया भर में कैसे फैला.

विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस पहला वायरस नहीं है, जो चीन से आया है.

वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे को बिल्कुल वास्तविक बताया है. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने बीजिंग के साथ संबंधों को फिर से संतुलित करने के लिए सही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे अमेरिकियों की आजादी की रक्षा हो सके.

पोम्पिओ ने उम्मीद जताई कि चीन यह फैसला लेगा कि व्यापार सौदे के पहले चरण के तहत उनकी प्रतिबद्धताओं का पालन किया जाए. उन्होंने कहा, 'हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या वे अपने दायित्वों को पूरा करते हैं.'

अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा, 'अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य से देखें तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में चुनाव प्रचार अभियान के समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जिस खतरे की पहचान की थी, वह वास्तविक है. इसलिए हमने इस संबंध को फिर से संतुलित करने के लिए सभी सही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, ताकि अमेरिकी लोगों की आजादी की रक्षा हो सके.'

उन्होंने कहा, 'हमने व्यापार संबंधों में गैर पारस्परिक रवैया देखा, जहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने बौद्धिक संपदा की चोरी की और फिर वापस हमें बेच दी, राज्य प्रायोजित उद्योगों को ठगा, उस स्तर तक जाकर साइबर चोरी की, जहां तक आज कोई देश पहुंच भी नहीं सकता.'

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एक सवाल के जवाब में पोम्पिओ ने कहा कि कम्युनिस्ट सरकार की अहम मौकों पर सच न बताने की प्रवृत्ति रही है. उन्होंने कहा कि आज भी वे उन स्थानों तक जाने से रोक रहे हैं जहां पहुंचा जाना चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोरोना वायरस दुनिया भर में कैसे फैला.

विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस पहला वायरस नहीं है, जो चीन से आया है.

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