वॉशिंगटन : अमेरिका में डाक मतपत्रों में देरी पर तीखी बहस के बाद हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा) ने वह विधेयक पारित कर दिया, जो हाल ही में अमेरिकी डाक सेवा के कामकाज में किए गए बदलावों को पलट देगा और देश में राष्ट्रपति चुनाव से पहले एजेंसी को 25 अरब डॉलर की राशि देने का प्रावधान रखेगा.
स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने रिपब्लिकन्स की आपत्तियों से सांसदों को अवगत कराया और उन्हें स्टंट बता कर खारिज कर दिया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मतदान नहीं कराने की मांग की. इससे पहले शनिवार के एक ट्वीट में उन्होंने डाक के जरिए मतदान नहीं कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा है कि वह डाक सेवा के लिए अतिरिक्त धनराशि नहीं देना चाहते हैं.
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पेलोसी ने कैपिटल में कहा कि, 'राष्ट्रपति जो कह रहे हैं उस पर ध्यान मत दीजिए, क्योंकि यह सब मतदान को दबाने के लिए है.' पेलोसी ने डाक सेवा को अमेरिकी लोगों को जोड़ने वाला देश का 'खूबसूरत धागा' बताया और कहा कि, मतदाताओं को राष्ट्रपति की चेतावनियों की अनदेखी करनी चाहिए.
डाक के जरिए मतदान का विकल्प चुने
गौरतलब है कि डाकपत्र व्यवधान को लेकर मचे हंगामे ने देश में होने वाले चुनाव के वक्त डाक विभाग को मुख्य चर्चा में ला दिया है. ऐसी उम्मीद है कि, कोरोना वायरस संक्रमण के वक्त लाखों लोग डाक के जरिए मतदान का विकल्प चुन सकते हैं.
पक्ष में 257, विरोध में 150 मत पड़े
राष्ट्रपति ने मतदान से पहले ट्वीट किया कि, 'यह एक और छलावा है.' रिपब्लिकन पार्टी के 24 से अधिक सांसदों ने राष्ट्रपति के रुख के विपरीत विधेयक के पक्ष में मतदान किया. विधेयक के पक्ष में 257 मत पड़े वहीं विरोध में 150 मत पड़े.
पारित हो गया विधेयक
विधेयक यहां से तो पारित हो गया है, लेकिन यह ग्रैंड ओल्ड पार्टी (जीओपी) अथवा रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट में रुक सकता है. ह्वाइट हाउस ने कहा है कि, राष्ट्रपति इस पर वीटो करेंगे.