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नोएडा: एक ही जगह का नाम बदलने से दो बार CM योगी ने किया उदघाटन

ट्रैफिक पार्क को ही पुलिस आयुक्त कार्यालय घोषित करके उसका मुख्यमंत्री से उदघाटन करवा दिया गया. जबकि कमिश्नरी को देखा जाए तो वह ट्रायल के रूप में चल रही है. अब आने वाले समय में कमिश्नरी सिस्टम सफल न होने पर वहां किसका कार्यालय होगा यह संदेह के घेरे में है.

Changes in name of traffic park in Noida inaugurated twice
ट्रैफिक पार्क का नाम बदलने से दो बार हुआ उद्घाटन
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Published : Mar 2, 2020, 11:15 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: जगह एक लेकिन नाम बदल कर दो-दो बार उदघाटन किया गया. नोएडा के सेक्टर 108 में अब बने पुलिस आयुक्त कार्यालय का 1 साल पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्रैफिक पार्क के नाम पर उदघाटन किया था. वहीं अब पुलिस आयुक्त कार्यालय के नाम पर 1 मार्च को उदघाटन किया है. जबकि सेक्टर 108 में ट्रैफिक कार्यालय और एआरटीओ विभाग को स्थापित किए जाने का प्रस्ताव था.

ट्रैफिक पार्क का नाम बदलने से दो बार हुआ उद्घाटन

लेकिन जनवरी महीने में गौतम बुद्ध नगर जिले में कमिश्नरी लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर के कार्यालय को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी. उसके बाद ट्रैफिक पार्क को ही पुलिस आयुक्त कार्यालय घोषित करके उसका मुख्यमंत्री से उदघाटन करवा दिया गया. जबकि कमिश्नरी को देखा जाए तो वह ट्रायल के रूप में चल रही है. अब आने वाले समय में कमिश्नरी सिस्टम सफल न होने पर वहां किसका कार्यालय होगा यह संदेह के घेरे में है.


सेक्टर 108 में जाएगा एआरटीओ और ट्रैफिक विभाग ?
108 में कमिश्नर कार्यालय खुलने के बाद अब यह बड़ा सवाल और संशय बना हुआ है कि उस परिसर में क्या पूर्व प्रस्तावित एआरटीओ कार्यालय और ट्रैफिक विभाग कार्यालय जाएगा या नहीं ?


मुख्यमंत्री ने कितनी बार किया उदघाटन
गौतम बुद्ध नगर में कमिश्नर प्रणाली लागू होने से पहले एक्वा मेट्रो लाइन का उद्घाटन करने 25 जनवरी 2019 को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 108 में ट्रैफिक पार्क का उदघाटन किया था. वहीं 13 जनवरी 2020 को गौतम बुद्ध नगर जिले को कमिश्नरी घोषित कर दिया गया. कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही यहां अधिकारियों का अमला बढ़ गया और पुलिस कमिश्नर के साथ ही अन्य अधिकारियों के बैठने की समस्या बढ़ गयी. जिसे देखते हुए ट्रैफिक पार्क को पुलिस आयुक्त कार्यालय बना दिया गया. फिर क्या था अधिकारियों ने दोबारा मुख्यमंत्री से उसी स्थान पर पुलिस आयुक्त कार्यालय का उद्घाटन करवा दिया.


ट्रैफिक पार्क बनाने का मकसद
लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए नोएडा प्राधिकरण सेक्टर 108 में ट्रैफिक पार्क को बनाया गया था. 8 एकड़ में बने ट्रैफिक पार्क को बनाने में 34 करोड़ 71 लाख रुपए खर्च हुए थे. सूत्रों की मानें तो इस पार्क को 99 साल की लीज पर जिले के ट्रैफिक विभाग को सौंपा गया था.

इस पार्क का मेंटेनेंस ट्रैफिक विभाग द्वारा ही किया जाएगा. इसके लिए प्राधिकरण और ट्रैफिक विभाग के बीच एक एमओयू भी साइन हुआ था. यहां परिवहन विभाग का कार्यालय भी शिफ्ट होना था. जिसे लेकर तैयारियां चल रही थीं. लेकिन कमिश्नर कार्यालय घोषित होने के बाद पुरानी व्यवस्था धरी की धरी रह गई.


गौतमबुद्ध नगर में चल पाएगी कमिश्नरी ?
13 जनवरी 2020 को गौतम बुद्ध नगर जिले को कमिश्नरी घोषित कर दिया गया और इसे तीन जोनों में बांट दिया गया. 10 आईपीएस और 28 पीसीएस अधिकारी के रूप में जिले में तैनात कर दिए गए.


कमिश्नरी प्रणाली जिले में लागू जरूर हो गई लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो अधिकारी पुलिस विभाग की जमीनी हकीकत और सच्चाई से अभी दूर हैं. कमिश्नरी सिस्टम की तुलना दिल्ली से जरूर की जा रही है लेकिन अभी तक परंपराएं पुरानी ही चल रही हैं. वहीं सूत्रों की मानें तो 6 महीने के लिए कमिश्नरी सिस्टम को टेस्टिंग के रूप में लाया गया है. ताकि सफल होने पर इसे अन्य जगहों पर भी लागू किया जा सके.


कब से शुरू हुआ सेक्टर 108 का भवन
पहले ट्रैफिक पार्क और अब आयुक्त कार्यालय का निर्माण कार्य साल 2007 में शुरू हुआ था. जिसे 2015 में पूरा किया जाना था लेकिन करीब 11 साल बाद इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ. इस कैंपस में 200 सीट के बड़े ऑडिटोरियम से लेकर कई बड़े हॉल मौजूद हैं. अलग से कैफेटेरिया भी बनाया हुआ है.

नई दिल्ली/नोएडा: जगह एक लेकिन नाम बदल कर दो-दो बार उदघाटन किया गया. नोएडा के सेक्टर 108 में अब बने पुलिस आयुक्त कार्यालय का 1 साल पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्रैफिक पार्क के नाम पर उदघाटन किया था. वहीं अब पुलिस आयुक्त कार्यालय के नाम पर 1 मार्च को उदघाटन किया है. जबकि सेक्टर 108 में ट्रैफिक कार्यालय और एआरटीओ विभाग को स्थापित किए जाने का प्रस्ताव था.

ट्रैफिक पार्क का नाम बदलने से दो बार हुआ उद्घाटन

लेकिन जनवरी महीने में गौतम बुद्ध नगर जिले में कमिश्नरी लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर के कार्यालय को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी. उसके बाद ट्रैफिक पार्क को ही पुलिस आयुक्त कार्यालय घोषित करके उसका मुख्यमंत्री से उदघाटन करवा दिया गया. जबकि कमिश्नरी को देखा जाए तो वह ट्रायल के रूप में चल रही है. अब आने वाले समय में कमिश्नरी सिस्टम सफल न होने पर वहां किसका कार्यालय होगा यह संदेह के घेरे में है.


सेक्टर 108 में जाएगा एआरटीओ और ट्रैफिक विभाग ?
108 में कमिश्नर कार्यालय खुलने के बाद अब यह बड़ा सवाल और संशय बना हुआ है कि उस परिसर में क्या पूर्व प्रस्तावित एआरटीओ कार्यालय और ट्रैफिक विभाग कार्यालय जाएगा या नहीं ?


मुख्यमंत्री ने कितनी बार किया उदघाटन
गौतम बुद्ध नगर में कमिश्नर प्रणाली लागू होने से पहले एक्वा मेट्रो लाइन का उद्घाटन करने 25 जनवरी 2019 को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 108 में ट्रैफिक पार्क का उदघाटन किया था. वहीं 13 जनवरी 2020 को गौतम बुद्ध नगर जिले को कमिश्नरी घोषित कर दिया गया. कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही यहां अधिकारियों का अमला बढ़ गया और पुलिस कमिश्नर के साथ ही अन्य अधिकारियों के बैठने की समस्या बढ़ गयी. जिसे देखते हुए ट्रैफिक पार्क को पुलिस आयुक्त कार्यालय बना दिया गया. फिर क्या था अधिकारियों ने दोबारा मुख्यमंत्री से उसी स्थान पर पुलिस आयुक्त कार्यालय का उद्घाटन करवा दिया.


ट्रैफिक पार्क बनाने का मकसद
लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए नोएडा प्राधिकरण सेक्टर 108 में ट्रैफिक पार्क को बनाया गया था. 8 एकड़ में बने ट्रैफिक पार्क को बनाने में 34 करोड़ 71 लाख रुपए खर्च हुए थे. सूत्रों की मानें तो इस पार्क को 99 साल की लीज पर जिले के ट्रैफिक विभाग को सौंपा गया था.

इस पार्क का मेंटेनेंस ट्रैफिक विभाग द्वारा ही किया जाएगा. इसके लिए प्राधिकरण और ट्रैफिक विभाग के बीच एक एमओयू भी साइन हुआ था. यहां परिवहन विभाग का कार्यालय भी शिफ्ट होना था. जिसे लेकर तैयारियां चल रही थीं. लेकिन कमिश्नर कार्यालय घोषित होने के बाद पुरानी व्यवस्था धरी की धरी रह गई.


गौतमबुद्ध नगर में चल पाएगी कमिश्नरी ?
13 जनवरी 2020 को गौतम बुद्ध नगर जिले को कमिश्नरी घोषित कर दिया गया और इसे तीन जोनों में बांट दिया गया. 10 आईपीएस और 28 पीसीएस अधिकारी के रूप में जिले में तैनात कर दिए गए.


कमिश्नरी प्रणाली जिले में लागू जरूर हो गई लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो अधिकारी पुलिस विभाग की जमीनी हकीकत और सच्चाई से अभी दूर हैं. कमिश्नरी सिस्टम की तुलना दिल्ली से जरूर की जा रही है लेकिन अभी तक परंपराएं पुरानी ही चल रही हैं. वहीं सूत्रों की मानें तो 6 महीने के लिए कमिश्नरी सिस्टम को टेस्टिंग के रूप में लाया गया है. ताकि सफल होने पर इसे अन्य जगहों पर भी लागू किया जा सके.


कब से शुरू हुआ सेक्टर 108 का भवन
पहले ट्रैफिक पार्क और अब आयुक्त कार्यालय का निर्माण कार्य साल 2007 में शुरू हुआ था. जिसे 2015 में पूरा किया जाना था लेकिन करीब 11 साल बाद इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ. इस कैंपस में 200 सीट के बड़े ऑडिटोरियम से लेकर कई बड़े हॉल मौजूद हैं. अलग से कैफेटेरिया भी बनाया हुआ है.

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