नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने टोक्यो पैरालंपिक में भारत की तरफ इतिहास से रचने का काम किया है. जिलाधिकारी ने बैडमिंटन फाइनल में अपनी जगह मजबूत कर ली है. बैडमिंटन सिंगल के Sl4 क्लास सेमीफाइनल में सुहास अलवाई ने इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतिवान को सीधे सेटों में 2-0 से हराया.
बैडमिंटन फाइनल सुहास अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की पुरजोर कोशिश करेंगे. प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतना उनका लक्ष्य है. अब पूरे देश की निगाहें गोल्ड मेडल पर लगी हुई है कि जिले के जिलाधिकारी टोक्यो से देश के लिए गोल्ड जीतकर लाएंगे.
गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी और पैरालंपिक में बैडमिंटन के खिलाड़ी सुहास एलवाई ने टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक खेल में भारत का प्रतिनिधित्व बैडमिंटन में करते हुए फाइनल में अपनी मजबूत जगह कर ली है. सेमीफाइनल मुकाबले में सिर्फ आधे घंटे में 21-9 और 21-15 से जीत हासिल की.
बता दें कि जिलाधिकारी सुहास एलवाई पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जो ओलंपिक या पैराओलंपिक खेल में बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा करेंगे. जिलाधिकारी सुहास एलवाई अगर गोल्ड जीते तो भारत का 15 वा पदक कंफर्म हो जाएगा. भारत के नाम पैरालंपिक में अब तक 2 गोल्ड, 6 सिल्वर और 5 ब्रोंज मेडल आ चुके हैं.
ओलंपिक और पैरालंपिक में अभी तक भारत की तरफ से कोई भी खिलाड़ी बैडमिंटन में गोल्ड नहीं जीता है. सुहास एलवाई बैडमिंटन में गोल्ड जीतने वाले पहले खिलाड़ी हो सकते हैं.
सुहास एलवाई जैसे ही फाइनल में पहुंचे वैसे ही उनके आवास से लेकर कार्यालय तक सभी जगहों पर खुशी का माहौल छा गया. सभी लोग जिलाधिकारी के गोल्ड जीतने की दुआ कर रहे हैं. साथ ही अलग-अलग सोच के साथ बधाइयां देने की तैयारी में लगे हुए हैं. हर कोई यही दुआ कर रहा है और उम्मीद लगाए बैठा है कि जिलाधिकारी देश के लिए अब गोल्ड लेकर आएंगे.
गौरतलब है, पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण से जूझ रहे नोएडा को बचाने के लिए आईएएस सुहास एलवाई को जिले की जिम्मेदारी दी गई थी. दमदार प्रोफाइल और सटीक काम के लिए चर्चित सुहास एलवाई दिव्यांग हैं.
सुहास एलवाई इससे पहले आजमगढ़, जौनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. वर्ष-2019 में प्रयागराज कुंभ के दौरान सुहास एलवाई जिले के डीएम थे. इस दौरान क्राउड मैनेजमेंट से लेकर शहर की साफ-सफाई और साज-सज्जा हर काम को उन्होंने बेहतरीन तरीके से निभाया.