नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में शराब के शौकीनों को पसंदीदा शराब लेने के लिए मशक्कत करना (liquor drinkers to struggling buy their brand) पड़ा है. दरअसल भारी दबाव के बाद दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति वापस लेकर दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति लागू कर दिया है. लेकिन पुरानी आबकारी नीति के तहत खोले गए शराब के ठेकों पर 10 दिन बाद भी पर्याप्त मात्रा में शराब उपलब्ध नहीं है और इन ठेकों पर सभी प्रकार के ब्रांड की शराब उपलब्ध नहीं हो पाई है, जिससे शराब के शौकीन ठेकों से मायूस हो कर लौट रहे है. आबकारी विभाग ने 380 से ज्यादा ब्रांड अभी तक रजिस्टर्ड कर लिए है लेकिन ये सभी ब्रांड की शराब भी ठेकों पर उपलब्ध नहीं हो सकी है.
लोगों का कहना है कि उन्हें मनपसंद ब्रांड की शराब के लिए कई ठेकों का चक्कर लगाना पड़ रहा है और उन्हें बमुश्किल उनकी पसंदीदा ब्रांड की शराब मिल पा रही है. दिल्ली-यूपी सीमा क्षेत्र के लोगों ने बताया कि दिल्ली में अभी सभी ब्रांड की शराब आसानी से नहीं मिल पा रही है. ऐसे में उन्हें नोएडा, गाजियाबाद, में जाना पड़ रहा है. इस बारे में मयूर विहार ठेके के इंचार्ज खुश मिश्रा ने बताया की जिस शराब का उत्पादन दिल्ली से बाहर किया जाता है, उसी ब्रांड की कंपनी के साथ लाइसेंसिंग प्रक्रिया भी चल रही है. जल्द ही सभी ब्रांड आउटलेट पर उपलब्ध होंगे.
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आपको बता दें कि बीते साल आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू कर दिया था. इस नीति के तहत शराब के बिक्री प्राइवेट हाथों में सौंप दी गई थी, जिसका विपक्षी पार्टियों ने जमकर विरोध किया था. साथ ही नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए और मामला सीबीआई तक जा पहुंचा. फिलहाल सीबीआई मामले की जांच कर रही है. इस मामले में सीबीआई दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी भी कर चुकी हैं. हालांकि विपक्ष के आरोप पर सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.
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