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'14 दिनों में कोरोना के लक्षण न दिखें तो जल्द लें क्वारंटीन हटाने का फैसला'

हाइकोर्ट ने क्वारंटीन मामले में अथॉरिटीज को निर्देश जारी किए हैं. आदेश में कहा गया है कि अगर क्वारंटीन किए गए व्यक्ति में 14 दिनों के भीतर कोरोना के लक्षण न दिखें तो इस मामले में उसे क्वारंटीन से मुक्त करने के मामले पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए.

High court gave instructions to the authority on quarantine in delhi
क्वारंटीन पर हाईकोर्ट ने अथ्योरिटी को दिए निर्देश
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Published : May 12, 2020, 2:55 PM IST

Updated : May 27, 2020, 9:44 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी में हाइकोर्ट ने अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि अगर क्वारंटीन किए गए व्यक्ति में 14 दिनों के भीतर कोरोना के लक्षण न दिखें, तो उसे इस अवधि के बाद क्वारंटीन से मुक्त करने के मामले पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए. ऐसा व्यक्ति इसके लिए अथॉरिटीज को अपना प्रतिवेदन दे सकता है.

क्वारंटीन से जुड़ी गाइडलाइंस को चुनौती

हाईकोर्ट ने उस याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया जिसमें दिल्ली सरकार की क्वारंटीन से जुड़ी गाइडलाइंस को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता उन लोगों में से एक था जिसे एक पिज्जा डिलीवरी ब्वाय के संक्रमित मिलने के बाद क्वारंटीन कर दिया गया था.

याचिकाकर्ता पेशे से फोटो जर्नलिस्ट अमित भार्गव हैं. वह एक पिज्जा डिलीवरी ब्वाय के संपर्क आया था. याचिकाकर्ता पिज्जा डिलीवरी ब्वाय के संपर्क में आनेवाले 72 लोगों में से एक था. उसने तीस दिनों तक होम क्वारंटीन का आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

क्वारंटीन का नोटिस अधूरा

अमित भार्गव की ओर से वकील श्येल त्रेहान और दीया कपूर ने याचिका में कहा था कि वह कोरोना संक्रमित पिज्जा ब्वाय के संपर्क में 24 और 25 मार्च की दरम्यानी रात को आया था.

याचिका में कहा गया था कि उसके घर पर 15 अप्रैल को होम क्वारेंटाइन का नोटिस चस्पा किया गया कि वो 24 मार्च से 20 अप्रैल तक होम क्वारंटीन रहेगा. याचिका में कहा गया था कि जो क्वारंटीन नोटिस चस्पा किया गया है वो अधूरा है.

उस नोटिस में ये नहीं बताया गया कि संक्रमित व्यक्ति की जांच 14 अप्रैल को हुई जबकि वह पिज्जा ब्वाय के संपर्क में बीस दिन पहले ही आया था. इससे उसकी छवि को काफी नुकसान हुआ है. उसके पड़ोसियों ने उससे पूछना शुरू कर दिया कि उसने 24 मार्च से क्वारंटीन का पालन क्यों नहीं किया.

14 दिन तक क्वारंटीन की अवधि

याचिका में कहा गया था कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक उसका 14 दिनों का क्वारेंटाइन की अवधि 7 अप्रैल को खत्म होनी चाहिए थी. उसके तीस दिनों से ज्यादा दिनों के क्वारंटीन होने का कोई आधार नहीं है. वैसे व्यक्ति को जो केवल एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो उसे इतने दिनों तक क्वारंटीन में रखने का आदेश मनमाना है.

बिना सैंपल लिए चले गए

याचिका में कहा गया था कि 20 अप्रैल को उनके निवास पर कुछ लोग उसके टेस्टिंग के लिए आए और बिना सैंपल लिए चले गए. याचिका में क्वारंटीन नोटिस को निरस्त करने की मांग की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि दिल्ली सरकार से ये साफ करने का दिशानिर्देश दिया जाए कि किसी व्यक्ति को संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद 14 दिनों का क्वारंटीन किया जाता है या 28 दिनों का.

नई दिल्ली: राजधानी में हाइकोर्ट ने अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि अगर क्वारंटीन किए गए व्यक्ति में 14 दिनों के भीतर कोरोना के लक्षण न दिखें, तो उसे इस अवधि के बाद क्वारंटीन से मुक्त करने के मामले पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए. ऐसा व्यक्ति इसके लिए अथॉरिटीज को अपना प्रतिवेदन दे सकता है.

क्वारंटीन से जुड़ी गाइडलाइंस को चुनौती

हाईकोर्ट ने उस याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया जिसमें दिल्ली सरकार की क्वारंटीन से जुड़ी गाइडलाइंस को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता उन लोगों में से एक था जिसे एक पिज्जा डिलीवरी ब्वाय के संक्रमित मिलने के बाद क्वारंटीन कर दिया गया था.

याचिकाकर्ता पेशे से फोटो जर्नलिस्ट अमित भार्गव हैं. वह एक पिज्जा डिलीवरी ब्वाय के संपर्क आया था. याचिकाकर्ता पिज्जा डिलीवरी ब्वाय के संपर्क में आनेवाले 72 लोगों में से एक था. उसने तीस दिनों तक होम क्वारंटीन का आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

क्वारंटीन का नोटिस अधूरा

अमित भार्गव की ओर से वकील श्येल त्रेहान और दीया कपूर ने याचिका में कहा था कि वह कोरोना संक्रमित पिज्जा ब्वाय के संपर्क में 24 और 25 मार्च की दरम्यानी रात को आया था.

याचिका में कहा गया था कि उसके घर पर 15 अप्रैल को होम क्वारेंटाइन का नोटिस चस्पा किया गया कि वो 24 मार्च से 20 अप्रैल तक होम क्वारंटीन रहेगा. याचिका में कहा गया था कि जो क्वारंटीन नोटिस चस्पा किया गया है वो अधूरा है.

उस नोटिस में ये नहीं बताया गया कि संक्रमित व्यक्ति की जांच 14 अप्रैल को हुई जबकि वह पिज्जा ब्वाय के संपर्क में बीस दिन पहले ही आया था. इससे उसकी छवि को काफी नुकसान हुआ है. उसके पड़ोसियों ने उससे पूछना शुरू कर दिया कि उसने 24 मार्च से क्वारंटीन का पालन क्यों नहीं किया.

14 दिन तक क्वारंटीन की अवधि

याचिका में कहा गया था कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक उसका 14 दिनों का क्वारेंटाइन की अवधि 7 अप्रैल को खत्म होनी चाहिए थी. उसके तीस दिनों से ज्यादा दिनों के क्वारंटीन होने का कोई आधार नहीं है. वैसे व्यक्ति को जो केवल एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो उसे इतने दिनों तक क्वारंटीन में रखने का आदेश मनमाना है.

बिना सैंपल लिए चले गए

याचिका में कहा गया था कि 20 अप्रैल को उनके निवास पर कुछ लोग उसके टेस्टिंग के लिए आए और बिना सैंपल लिए चले गए. याचिका में क्वारंटीन नोटिस को निरस्त करने की मांग की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि दिल्ली सरकार से ये साफ करने का दिशानिर्देश दिया जाए कि किसी व्यक्ति को संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद 14 दिनों का क्वारंटीन किया जाता है या 28 दिनों का.

Last Updated : May 27, 2020, 9:44 AM IST
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