नई दिल्ली: दिल्ली के कारोबारियों को एक बड़ी राहत मिली है. दिल्ली सरकार की सिफारिश पर डीडीए ने 54 सेवाओं को औद्योगिक एक्टिविटीज का दर्जा दे दिया है.
मिला औद्योगिक एक्टिविटीज का दर्जा
मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली से जुड़े फैक्ट्री मालिकों के साथ उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन की मीटिंग हुई. मीटिंग में उन्होंने फैक्ट्री मालिकों को जानकारी दी कि 54 सेवाओं को अब औद्योगिक एक्टिविटीज का दर्जा मिल गया है.
कारोबारी लंबे समय से इसके लिए मांग कर रहे थे. ऐसा न होने से उन्हें कानूनी के साथ-साथ आर्थिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही थीं.
माना जाता था कमर्शियल एक्टिविटीज
गौरतलब है कि अब तक सॉफ्टवेयर, आईटी, एचआर, अकाउंटिंग, पब्लिशिंग, आर्किटेक्चर, ट्रैवल एंड टूरिज्म, मीडिया, एजुकेशन, पैकेजिंग, रिसर्च, बायोटेक्नोलॉजी और वेयरहाउसिंग जैसी कई जरूरी एक्टिविटीज मास्टरप्लान के औद्योगिक लैंडयूज के मुताबिक नहीं थीं.
इसकी वजह से कई मामलों में इन्हें कमर्शियल एक्टिविटीज के रूप में ट्रीट किया जाता था और इनपर सिविक एजेंसियां भारी भरकम कन्वर्जन चार्ज और कमर्शियल रेट पर प्रॉपर्टी टैक्स वसूलती थीं.
उद्योग मंत्री की सिफारिश पर हुआ बदलाव
दिल्ली सरकार के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन की सिफारिश पर डीडीए ने 9 कैटेगरियों में 54 सेवा एक्टिविटीज को औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित करने के योग्य करार दे दिया है.
इसके लिए मास्टरप्लान में संशोधनों को भी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. इन सभी एक्टिविटीज अब चाहे नई हों या पुरानी मौजूदा इंडस्ट्रियल एरिया में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी का दर्जा मिलेगा.
एफएआर बढ़ाया गया
इसके साथ ही, इंडस्ट्रियल एरिया में एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशियो को 150 से बढ़ाकर 200 कर दिया गया है. ऐसा हो जाने से अब 100 वर्गमीटर के इंडस्ट्रियल प्लॉट को 200 वर्गमीटर का कवर्ड एरिया मिलेगा जो कि फिलहाल 150 वर्गमीटर ही मिलता है.
इन बदलावों के लिए दिल्ली के कारोबारियों और खासकर फैक्ट्री मालिकों ने दिल्ली उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन का खास तौर पर धन्यवाद किया है.