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RBI Repo Rate remain Unchanged: अगले साल मार्च तक महंगाई से नहीं मिलेगी राहत, RBI ने जताया डर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के बाद 6.5 फीसदी रेपो रेट को बरकरार रखा है. महंगाई को काबू में रखने के लिए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

RBI Repo Rate remain Unchanged
मपीसी बैठक के बाद रेपो रेट को बरकरार रखा
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 6, 2023, 11:46 AM IST

Updated : Oct 6, 2023, 12:04 PM IST

नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के नतीजे की घोषणा कर दी है. उन्होंने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर कायम रखा है. गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में चालू खाता घाटा एक साल पहले की तुलना में घटकर जीडीपी का 1.1% हो गया है. साथ ही आरबीआई ने नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रखी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल मुद्रास्फीति घटकर 4.6% हो गई है, जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह 7.3% थी.

उन्होंने कहा कि 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.4% रहने का अनुमान है, दूसरी तिमाही में 6.4%, तीसरी तिमाही में 5.6% और चौथी तिमाही में 5.2% होने का अनुमान है. वहीं, जोखिम समान रूप से संतुलित हैं. गवर्नर ने बताया कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5% अनुमानित है. रिस्क को समान रूप से बैलेंस बनाए रखा गया हैं. वहीं, अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि 6.6% अनुमानित है.

रेपो रेट 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि उभरते व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास और दृष्टिकोण के विस्तृत मूल्यांकन के बाद, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से नीति रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया गया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया गया है और रेपो रेट 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया.

उन्होंने आगे कहा कि समष्टि आर्थिक स्थिरता और समावेशी विकास हमारे देश की प्रगति के मूल सिद्धांत हैं. हाल के वर्षों में कई और अद्वितीय झटकों के दौरान हमने जो नीतिगत मिश्रण अपनाया है, उसने व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा दिया है. जुड़वां बैलेंस शीट तनाव एक दशक पहले जो सामना हुआ था, उसे अब बैंकों और कॉरपोरेट्स दोनों की हेल्थी बैलेंस शीट के साथ दोहरे बैलेंस शीट लाभ से बदल दिया गया है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एमपीसी ने वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. जहां तक मुद्रास्फीति दर का संबंध है, संभावित कृषि उपज सहित विभिन्न घरेलू मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एमपीसी का पूर्वानुमान 2023-24 के लिए 5.4 प्रतिशत है. दास ने यह भी कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति, मानसून और अन्य कारणों से अनिश्चितता मौजूद है.

ये भी पढ़ें- RBI MPC Meeting: त्योहारी सीजन से पहले आरबीआई ने दी राहत, नहीं बढ़ेगी EMI, रेपो रेट रहेगा स्थिर

नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के नतीजे की घोषणा कर दी है. उन्होंने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर कायम रखा है. गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में चालू खाता घाटा एक साल पहले की तुलना में घटकर जीडीपी का 1.1% हो गया है. साथ ही आरबीआई ने नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रखी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल मुद्रास्फीति घटकर 4.6% हो गई है, जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह 7.3% थी.

उन्होंने कहा कि 2023-24 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.4% रहने का अनुमान है, दूसरी तिमाही में 6.4%, तीसरी तिमाही में 5.6% और चौथी तिमाही में 5.2% होने का अनुमान है. वहीं, जोखिम समान रूप से संतुलित हैं. गवर्नर ने बताया कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5% अनुमानित है. रिस्क को समान रूप से बैलेंस बनाए रखा गया हैं. वहीं, अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि 6.6% अनुमानित है.

रेपो रेट 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि उभरते व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास और दृष्टिकोण के विस्तृत मूल्यांकन के बाद, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से नीति रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया गया है. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया गया है और रेपो रेट 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया.

उन्होंने आगे कहा कि समष्टि आर्थिक स्थिरता और समावेशी विकास हमारे देश की प्रगति के मूल सिद्धांत हैं. हाल के वर्षों में कई और अद्वितीय झटकों के दौरान हमने जो नीतिगत मिश्रण अपनाया है, उसने व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा दिया है. जुड़वां बैलेंस शीट तनाव एक दशक पहले जो सामना हुआ था, उसे अब बैंकों और कॉरपोरेट्स दोनों की हेल्थी बैलेंस शीट के साथ दोहरे बैलेंस शीट लाभ से बदल दिया गया है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एमपीसी ने वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. जहां तक मुद्रास्फीति दर का संबंध है, संभावित कृषि उपज सहित विभिन्न घरेलू मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एमपीसी का पूर्वानुमान 2023-24 के लिए 5.4 प्रतिशत है. दास ने यह भी कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति, मानसून और अन्य कारणों से अनिश्चितता मौजूद है.

ये भी पढ़ें- RBI MPC Meeting: त्योहारी सीजन से पहले आरबीआई ने दी राहत, नहीं बढ़ेगी EMI, रेपो रेट रहेगा स्थिर

Last Updated : Oct 6, 2023, 12:04 PM IST
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