ETV Bharat / business

RBI ने म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड भुगतान की लिमिट बढ़ाई, होगा फायदा - ऑटोमेटिक पेमेंट लिमिट

RBI Monetary Policy Meet- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने व्यापारियों को वस्तुओं और सेवाओं के एवज में ग्राहकों की अनुमति से उनके खाते से खुद से पैसा काटने की सीमा कुछ मामलों में मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की अनुमति दी है. पढ़ें पूरी खबर...

RBI Monetary Policy Meet
भारतीय रिजर्व बैंक
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 8, 2023, 1:38 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने व्यापारियों को वस्तुओं और सेवाओं के एवज में ग्राहकों की अनुमति से उनके खाते से निश्चित अवधि पर (आवर्ती भुगतान) स्वत: पैसा काटने की सीमा कुछ मामलों में मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की अनुमति दी है. यह सीमा म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम जैसी कुछ श्रेणियों के लिए बढ़ायी गयी है. इस व्यवस्था में सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था (एएफए) के बिना ग्राहकों के खाते से सीधे पैसा लेने की सीमा वर्तमान में 15,000 रुपये है. इससे ऊपर के भुगतान के लिये सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत पड़ती है.

हर महीने 2,800 करोड़ रुपये के हो रहे लेन-देन
केंद्रीय बैंक ने इस प्रकार के लेन-देन की बढ़ती संख्या और व्यवस्था सुचारू होने को देखते हुए यह निर्णय किया है. आरबीआई के अनुसार, इस प्रकार की पंजीकृत स्वत: अनुमति फिलहाल 8.5 करोड़ है. इसके तहत हर महीने 2,800 करोड़ रुपये के लेन-देन हो रहे हैं. विभिन्न तबकों ने म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम का भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान जैसी श्रेणियों में सीमा बढ़ाने की जरूरत बताई है. इसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है.

म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड बिलों के भुगतान के लिए एक लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए एएफए की आवश्यकता से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य मौजूदा आवश्यकताएं जैसे लेनदेन से पहले और बाद की सूचनाएं, उपयोगकर्ता के लिए उससे बाहर निकलने की सुविधा आदि इन लेनदेन पर लागू होंगी. इस बारे में संशोधित परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा.

फिनटेक रिपॉजिटरी स्थापित करने की हुई घोषणा
एक अन्य निर्णय में आरबीआई ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) परिवेश में विकास की बेहतर समझ और क्षेत्र का समर्थन करने के लिए फिनटेक रिपॉजिटरी स्थापित करने की भी घोषणा की. दास ने कहा कि इसे अप्रैल, 2024 या उससे पहले रिजर्व बैंक इनोवेशन हब चालू करेगा. फिनटेक को इस ‘रिपॉजिटरी’ के जरिये स्वेच्छा से प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. भारत में बैंक और एनबीएफसी जैसी वित्तीय संस्थाएं तेजी से फिनटेक के साथ साझेदारी कर रही हैं.

क्लाउड सुविधा पर चल रहा काम
दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है. बैंक और वित्तीय संस्थाओं में डेटा की लगातार मांग बनी हुई है और उसमें वृद्धि भी हो रही है. इसको देखते हुए उनमें से कई इस उद्देश्य के लिए क्लाउड सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं. दास ने कहा, रिजर्व बैंक इस उद्देश्य के लिए भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधा से आंकड़ों की सुरक्षा और निजता बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें-

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने व्यापारियों को वस्तुओं और सेवाओं के एवज में ग्राहकों की अनुमति से उनके खाते से निश्चित अवधि पर (आवर्ती भुगतान) स्वत: पैसा काटने की सीमा कुछ मामलों में मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने की अनुमति दी है. यह सीमा म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम जैसी कुछ श्रेणियों के लिए बढ़ायी गयी है. इस व्यवस्था में सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था (एएफए) के बिना ग्राहकों के खाते से सीधे पैसा लेने की सीमा वर्तमान में 15,000 रुपये है. इससे ऊपर के भुगतान के लिये सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था की जरूरत पड़ती है.

हर महीने 2,800 करोड़ रुपये के हो रहे लेन-देन
केंद्रीय बैंक ने इस प्रकार के लेन-देन की बढ़ती संख्या और व्यवस्था सुचारू होने को देखते हुए यह निर्णय किया है. आरबीआई के अनुसार, इस प्रकार की पंजीकृत स्वत: अनुमति फिलहाल 8.5 करोड़ है. इसके तहत हर महीने 2,800 करोड़ रुपये के लेन-देन हो रहे हैं. विभिन्न तबकों ने म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम का भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान जैसी श्रेणियों में सीमा बढ़ाने की जरूरत बताई है. इसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है.

म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि म्यूचुअल फंड, बीमा प्रीमियम और क्रेडिट कार्ड बिलों के भुगतान के लिए एक लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए एएफए की आवश्यकता से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य मौजूदा आवश्यकताएं जैसे लेनदेन से पहले और बाद की सूचनाएं, उपयोगकर्ता के लिए उससे बाहर निकलने की सुविधा आदि इन लेनदेन पर लागू होंगी. इस बारे में संशोधित परिपत्र शीघ्र ही जारी किया जाएगा.

फिनटेक रिपॉजिटरी स्थापित करने की हुई घोषणा
एक अन्य निर्णय में आरबीआई ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) परिवेश में विकास की बेहतर समझ और क्षेत्र का समर्थन करने के लिए फिनटेक रिपॉजिटरी स्थापित करने की भी घोषणा की. दास ने कहा कि इसे अप्रैल, 2024 या उससे पहले रिजर्व बैंक इनोवेशन हब चालू करेगा. फिनटेक को इस ‘रिपॉजिटरी’ के जरिये स्वेच्छा से प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. भारत में बैंक और एनबीएफसी जैसी वित्तीय संस्थाएं तेजी से फिनटेक के साथ साझेदारी कर रही हैं.

क्लाउड सुविधा पर चल रहा काम
दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है. बैंक और वित्तीय संस्थाओं में डेटा की लगातार मांग बनी हुई है और उसमें वृद्धि भी हो रही है. इसको देखते हुए उनमें से कई इस उद्देश्य के लिए क्लाउड सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं. दास ने कहा, रिजर्व बैंक इस उद्देश्य के लिए भारत में वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा स्थापित करने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधा से आंकड़ों की सुरक्षा और निजता बढ़ेगी.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.