नई दिल्ली : अंबानी और अडाणी देश के बड़े बिजनेस टायकून है. कई मामलों में दोनों अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए आमने-सामने आ जा रहे हैं. जहां रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अपने कारोबार को लगातार विस्तार दे रहे हैं वहीं, हिंडनबर्ग की भंवर में अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी भी वापसी करते नजर आ रहे हैं. हाल ही में अडाणी ग्रीन के तिमाही नतीजे जारी हुए, जिसमें कंपनी को तीन गुना मुनाफा हुआ है. आइए जानते हैं कि अंबानी और अडाणी किन- किन कंपनियों की खरीदारी के लिए आमने- सामने आए....
Bhadreshwar Vidyut : देश की तीसरी सबसे बड़ी पावर कंपनी 'भद्रेश्वर विद्युत' को खरीदने के लिए अंबानी और अडाणी रेस में हैं. इस कंपनी पर भारी भरकम कर्ज है. कंपनी ने कर्ज को दिसंबर 2020 में नॉन परफॉर्मिंग के हिसाब से बांट दिया था, जिसके बाद 1775 करोड़ के कुल कर्ज के लिए 850 करोड़ रुपये के कर्ज का पुनगर्ठन का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे कर्जदाताओं ने ठुकरा दिया था. बता दें कि Bhadreshwar Vidyut को खरीदने में जिंदल, वेदांता जैसी 12 अन्य कंपनियों की भी दिलचस्पी है.
Future Retail Company : अंबानी और अडाणी फ्यूचर रिटेल कंपनी को खरीदने के लिए भी आमने- सामने आ चुके हैं. विदित हो कि ये कंपनी दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है और कंपनी को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया पूरा करने के लिए 90 दिनों का और वक्त दिया गया है. किशोर बियानी के नेतृत्व वाली Future Retail को खरीदने की रेस में अंबानी- अडाणी समेत 50 कंपनियां रेस में है.
SKS Power : छत्तीसगढ़ स्थित बिजली कंपनी एसकेएस पावर को खरीदने वाले दावेदारों की लिस्ट में अंबानी और अडाणी का नाम शामिल था. हालांकि बाद में ये दोनों दावेदार इस रेस से बाहर हो गए. इसके बाद मैदान में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी एनटीपीसी, जिंदल पावर, सारदा एनर्जी एंड वैंटेज प्वाइंट एसेट मैनेजमेंट जैसे कुल 5 कंपनियां शामिल रही.
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