नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2022-23 में 13.22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ करीब 1.39 करोड़ सदस्य जोड़े हैं, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 1.22 करोड़ सदस्य जुड़े थे. इस संबंध में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया कि ईपीएफओ से मार्च में 13.40 लाख सदस्य जुड़े हैं. इनमें करीब 7.58 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं.
ईपीएफओ के मुताबिक नए जुड़ने वाले सदस्यों में सबसे ज्यादा 18-21 आयु वर्ग के थे. इन सदस्यों की संख्या 2.35 लाख थी. इसके बाद 22-25 आयु वर्ग के 1.94 लाख सदस्य शामिल हुए हैं, जबकि मार्च में जुड़े कुल सदस्यों में 18-25 आयु वर्ग के नए सदस्य 56.60 फीसदी है. आंकड़ों के मुताबिक करीब 10.09 लाख सदस्यों ने दोबारा सदस्यता ली. वहीं, लैंगिक आधार पर मार्च में शुद्ध रूप से 2.57 लाख महिला सदस्य जुड़ीं, जो इस महीने जुड़े कुल सदस्यों का 19.21 फीसदी है. इनमें से 1.91 लाख महिला सदस्य नई ज्वाइनिंग हैं. यह सभी नए ज्वाइन करने वालों का लगभग 25.16 प्रतिशत है.
वहीं राज्यवार आंकड़े बताते हैं कि महीने दर महीने बढ़ने की प्रवृत्ति हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और मिजोरम राज्यों में परिलक्षित होती है. वहीं कुल सदस्य जोड़ने के मामले में शीर्ष पांच राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात शामिल हैं. ये राज्य मिलकर महीने के दौरान कुल सदस्यों का 58.68 प्रतिशत हैं. दूसरी तरफ माह के दौरान 20.63 प्रतिशत शुद्ध सदस्य जोड़कर महाराष्ट्र सबसे आगे है, इसके बाद 10.83 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु राज्य है. बता दें कि अप्रैल-2018 के महीने से ईपीएफओ सितंबर 2017 से आगे की अवधि को कवर करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है. ईपीएफओ देश का प्रमुख संगठन है जो संगठित/अर्ध-संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है.
ये भी पढ़ें - EPFO ने 2022-23 के लिए ईपीएफ ब्याज दर पर लिया बड़ा फैसला, जानें कितना मिलेगा ब्याज
(एएनआई)