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कोच्चि-लक्षद्वीप के बीच समुद्रतल में बिछाई जाएगी ऑप्टिकल फाइबर केबल

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Published : Dec 9, 2020, 8:24 PM IST

कोच्चि और लक्षद्वीप के नागरिकों को ई-प्रशासन के तहत बेहतर सेवाएं देने के लिए सरकार ने समुद्रतल में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की मंजूरी दी है. परियोजना पर 1,072 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पढ़ें विस्तार से...

ऑप्टिकल फाइबर
ऑप्टिकल फाइबर

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कोच्चि और लक्षद्वीप को जोड़ने के लिए समुद्रतल में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की मंजूरी दी, जिसकी लागत 1,072 करोड़ रुपये होगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना को मंजूरी दी और इसके तहत कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों में तीव्र गति वाले ब्रांडबैंड सेवा प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष संचार संपर्क स्थापित किया जाएगा. इन द्विपों में कवारत्ती, कलपेनी, अगाति, अमिनी, एंड्रोथ, मिनिकॉय, बांगरम, बितरा, चेतलत, किल्टान और कदमत शामिल हैं.

1,072 करोड़ रुपये खर्च होंगे
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, 'इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1,072 करोड़ रुपये है, जिसमें पांच वर्षों के लिए परिचालन व्यय भी शामिल है. परियोजना को सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा.' परियोजना के मई 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी और दूरसंचार सलाहकार इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) को तकनीकी सलाहकार के रूप में नामित किया गया है. बयान के मुताबिक परियोजना की परिसंपत्ति का स्वामित्व दूरसंचार विभाग के तहत वित्त पोषक एजेंसी यूएसओएफ के पास होगा.

ई-प्रशासन के तहत बेहतर सेवाएं मिलेंगी
बयान में कहा गया, 'दूरसंचार संपर्क रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. समुद्रतल में ऑप्टिकल फाइबर केबल संपर्क के प्रावधान की स्वीकृति से लक्षद्वीप में बड़े पैमाने पर बैंडविड्थ प्रदान करके दूरसंचार सुविधा में सुधार होगा.'

यह भी पढ़ें- चीफ जस्टिस बोबडे ने की देश में बेहतर ऑप्टिकल फाइबर की मांग

इस परियोजना से नागरिकों को ई-प्रशासन के तहत बेहतर सेवाएं मिलेंगी और मछली पालन के संभावित विकास, नारियल आधारित उद्योगों और पर्यटन, दूरस्थ शिक्षा तथा दूरस्थ चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा होगा.

नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कोच्चि और लक्षद्वीप को जोड़ने के लिए समुद्रतल में आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की मंजूरी दी, जिसकी लागत 1,072 करोड़ रुपये होगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना को मंजूरी दी और इसके तहत कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों में तीव्र गति वाले ब्रांडबैंड सेवा प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष संचार संपर्क स्थापित किया जाएगा. इन द्विपों में कवारत्ती, कलपेनी, अगाति, अमिनी, एंड्रोथ, मिनिकॉय, बांगरम, बितरा, चेतलत, किल्टान और कदमत शामिल हैं.

1,072 करोड़ रुपये खर्च होंगे
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, 'इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1,072 करोड़ रुपये है, जिसमें पांच वर्षों के लिए परिचालन व्यय भी शामिल है. परियोजना को सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि (यूएसओएफ) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा.' परियोजना के मई 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी और दूरसंचार सलाहकार इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) को तकनीकी सलाहकार के रूप में नामित किया गया है. बयान के मुताबिक परियोजना की परिसंपत्ति का स्वामित्व दूरसंचार विभाग के तहत वित्त पोषक एजेंसी यूएसओएफ के पास होगा.

ई-प्रशासन के तहत बेहतर सेवाएं मिलेंगी
बयान में कहा गया, 'दूरसंचार संपर्क रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. समुद्रतल में ऑप्टिकल फाइबर केबल संपर्क के प्रावधान की स्वीकृति से लक्षद्वीप में बड़े पैमाने पर बैंडविड्थ प्रदान करके दूरसंचार सुविधा में सुधार होगा.'

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इस परियोजना से नागरिकों को ई-प्रशासन के तहत बेहतर सेवाएं मिलेंगी और मछली पालन के संभावित विकास, नारियल आधारित उद्योगों और पर्यटन, दूरस्थ शिक्षा तथा दूरस्थ चिकित्सा सुविधाओं में इजाफा होगा.

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