मुंबई : भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 8.2 प्रतिशत रहेगी. अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका ने यह अनुमान लगाया है. ब्रोकरेज कंपनी ने नए साल के लिए अपने परिदृश्य में कहा है कि अगले वर्ष भारत में चीजें सामान्य होंगी और वृद्धि रफ्तार पकड़ेगी.
बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा कि भारत ने 2021 में काफी सकारात्मक रुख के साथ प्रवेश किया था और आर्थिक वृद्धि दर (India economic growth) में सुधार आ रहा था, लेकिन महामारी की दूसरी लहर से झटका लगा और यह पुनरुद्धार पटरी से उतर गया. इसकी वजह से आपूर्ति संकट पैदा हुआ, जिससे कीमतों पर दबाव बना.
उसने कहा, 'हमारा मानना है कि 2022 का साल भारत के लिए सामान्य वर्ष रहेगा. उपभोग बढ़ने से वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा.'
अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि टीकाकरण की निचली दर तथा कोविड-19 का नया स्वरूप ओमीक्रोन वृद्धि के लिए अनिश्चितता पैदा कर सकते हैं. निचले आधार प्रभाव की वजह से वृद्धि दर 2021-22 के 9.3 प्रतिशत से कम रहेगी.
विभिन्न क्षेत्रों की बात की जाए, तो बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन क्षेत्र की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत रहेगी. यह चालू वित्त वर्ष के चार प्रतिशत से कम है. इसी तरह उद्योग क्षेत्र की वृद्धि 10 प्रतिशत से घटकर सात प्रतिशत, सेवा क्षेत्र की नौ प्रतिशत से घटकर 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
यह भी पढ़ें- अर्थव्यवस्था अभी 2019-20 के स्तर पर नहीं पहुंची: कांग्रेस
ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में मुख्य मुद्रास्फीति बढ़कर 5.6 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी. इसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक लंबे ठहराव के बाद 2022-23 में रेपो दर में एक प्रतिशत अंक की वृद्धि कर सकता है.
(पीटीआई-भाषा)