मुंबई: सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने सभी ग्राहकों के लिए धन की सीमांत लागत पर आधारित (एमसीएलआर) ब्याज की दरों में कमी करने की बुधवार को घोषणा की.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 0.10 प्रतिशत की कमी की है.
बैंक ऑफ बड़ौदा की कटौती 12 जून और यूनियन बैंक की 11 जून से प्रभावी होगी. बैंक ऑफ बडौदा की एक विज्ञप्ति के अनुसार एक वर्ष के कर्ज के लिए उसकी संशोधित एमसीएलआर 7.65 प्रतिशत होगी. अभी यह 7.80 प्रतिशत है.
इसी तरह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एक साल के कर्ज पर अपनी एमसीएलआर 7.70 प्रतिशत से घटा कर 7.60 प्रतिशत कर दी है. बैंक अपने ज्यादातर कर्जों पर ब्याज की दरें एमसीएलआर की एक वर्ष वाली दर के हिसाब से ही तय करते हैं.
इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक अपनी एमसीएलआर आधारित ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कमी की घोषणा कर चुका है.
ये भी पढ़ें: बैंक आम्रपाली समूह में मकान खरीदारों के शेष ऋण का भुगतान करें: न्यायालय
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक और सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी कर्ज की अपनी मानक दर में क्रमश: 0.05 प्रतिशत और 0.20 प्रतिशत की कमी की घोषणा की है. इनकी संशोधित दरें आठ जून से प्रभावी हो गयी हैं.
पिछले सप्ताह पीएनबी ने भी अपनी एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की कमी करने की घोषणा की थी.
रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में उत्तरोत्तर कमी और तरलता बढ़ाने के उपायों के बाद बैंकों के पास रिण के लिए धन सस्ता और सुलभ हुआ है. बैंक ग्राहकों के जमाधन पर भी ब्याज कम कर रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)