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भारत में लैपटॉप, टैबलेट का विनिर्माण 2025 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने की क्षमता: आईसीईए - लैपटॉप

आईसीईए का कहना है कि लैपटॉप और टैबलेट पीसी के विनिर्माण के स्तर को बढ़ाकर भारत वैश्विक बाजार में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जो अभी मात्र एक प्रतिशत है.

भारत में लैपटॉप, टैबलेट का विनिर्माण 2025 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने की क्षमता: आईसीईए
भारत में लैपटॉप, टैबलेट का विनिर्माण 2025 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने की क्षमता: आईसीईए
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Published : Nov 18, 2020, 6:48 PM IST

नई दिल्ली: भारत के पास लैपटॉप और टैबलेट की विनिर्माण क्षमता 2025 तक 100 अरब डॉलर पर पहुंचाने की क्षमता है, लेकिन इसके लिए नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत होगी. मोबाइल उपकरण उद्योग के निकाय इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है.

आईसीईए का कहना है कि लैपटॉप और टैबलेट पीसी के विनिर्माण के स्तर को बढ़ाकर भारत वैश्विक बाजार में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जो अभी मात्र एक प्रतिशत है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा इससे पांच लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. वहीं इससे 2025 तक कुल मिलाकर 75 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा तथा एक अरब डॉलर से अधिक का निवेश प्राप्त होगा. आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि देश का इलेक्ट्रॉनिक बाजार 65 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इसमें मोबाइल फोन का बड़ा हिस्सा है.

उन्होंने कहा, "लैपटॉप और टैबलेट के मामले में हम अब भी आयात पर निर्भर हैं. इसका 87 प्रतिशत आयात चीन से होता है. भारत में लैपटॉप का बाजार बहुत बड़ा नहीं है. टैबलेट का बाजार भी अभी काफी छोटा है. मोबाइल फोन के बाद ये सबसे बड़े आईटी उत्पाद हैं."

ये भी पढ़ें: लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित: आरबीआई नियुक्त प्रशासक

महेंद्रू ने कहा कि हम भारत में ही लैपटॉप और टैबलेट का विनिर्माण कर वैश्विक बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकते हैं. इससे हमारा विनिर्माण 2025 तक 100 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है.

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति-2019 में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को 2025 तक 400 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से 190 अरब डॉलर मोबाइल फोन खंड से हासिल होने की उम्मीद है.

आईसीईए के सदस्यों में एप्पल, शाओमी, मोटोरोला, नोकिया, फॉक्सकॉन, फ्लेक्सट्रॉनिक्स, लावा, वीवो शामिल हैं. आईसीईए के अनुसार 2025 तक घरेलू बाजार 170 अरब डॉलर का होगा. राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के लक्ष्य को पाने के लिए 230 अरब डॉलर का निर्यात करना होगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारत के पास लैपटॉप और टैबलेट की विनिर्माण क्षमता 2025 तक 100 अरब डॉलर पर पहुंचाने की क्षमता है, लेकिन इसके लिए नीतिगत हस्तक्षेप की जरूरत होगी. मोबाइल उपकरण उद्योग के निकाय इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है.

आईसीईए का कहना है कि लैपटॉप और टैबलेट पीसी के विनिर्माण के स्तर को बढ़ाकर भारत वैश्विक बाजार में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, जो अभी मात्र एक प्रतिशत है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा इससे पांच लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. वहीं इससे 2025 तक कुल मिलाकर 75 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा तथा एक अरब डॉलर से अधिक का निवेश प्राप्त होगा. आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि देश का इलेक्ट्रॉनिक बाजार 65 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. इसमें मोबाइल फोन का बड़ा हिस्सा है.

उन्होंने कहा, "लैपटॉप और टैबलेट के मामले में हम अब भी आयात पर निर्भर हैं. इसका 87 प्रतिशत आयात चीन से होता है. भारत में लैपटॉप का बाजार बहुत बड़ा नहीं है. टैबलेट का बाजार भी अभी काफी छोटा है. मोबाइल फोन के बाद ये सबसे बड़े आईटी उत्पाद हैं."

ये भी पढ़ें: लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित: आरबीआई नियुक्त प्रशासक

महेंद्रू ने कहा कि हम भारत में ही लैपटॉप और टैबलेट का विनिर्माण कर वैश्विक बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकते हैं. इससे हमारा विनिर्माण 2025 तक 100 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है.

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति-2019 में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को 2025 तक 400 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से 190 अरब डॉलर मोबाइल फोन खंड से हासिल होने की उम्मीद है.

आईसीईए के सदस्यों में एप्पल, शाओमी, मोटोरोला, नोकिया, फॉक्सकॉन, फ्लेक्सट्रॉनिक्स, लावा, वीवो शामिल हैं. आईसीईए के अनुसार 2025 तक घरेलू बाजार 170 अरब डॉलर का होगा. राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के लक्ष्य को पाने के लिए 230 अरब डॉलर का निर्यात करना होगा.

(पीटीआई-भाषा)

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