सूरत: दुनियाभर में भारत हीरे के हब के रूप में जाना जाता है. दुनिया में ज्यादातर हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग भारत और सूरत में की जाती है, जिसे खासतौर पर डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है. दुनिया में 100 में से 90 हीरे भारत में सटीक कटिंग और पॉलिशिंग के बाद ही पेश किए जाते हैं. जेम्स एंड ज्वैलरी प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में न सिर्फ सफेद हीरे बल्कि कई रंगों के हीरे भी काफी मांग में हैं. पिछले एक साल में भारत से रंगीन रत्नों का निर्यात करीब 372 प्रतिशत बढ़ा है.
2021 में निर्यात 280.22 करोड़ रुपये था
जेम्स एंड ज्वैलरी प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के वेस्ट जोन के चेयरमैन दिनेश नवादिया ने ईटीवी भारत को बताया कि पिछले एक साल में दुनिया में रंगीन रत्नों की मांग अचानक से बढ़ गई है. वर्ष 2019-20 के दौरान विभिन्न देशों द्वारा भारत से करीब 28.98 करोड़ रुपये के विभिन्न हीरे आयात किए गए, लेकिन वर्ष 2020-2021 में रंगीन हीरों के निर्यात में अचानक उछाल देखा गया है. 2021 में निर्यात का आंकड़ा 280.22 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. जो 372 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. व्यापारियों का मानना है कि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध के कारण यह वृद्धि दर्ज की गई है.
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प्राकृतिक होते हैं रंगीन हीरे
सूरत के एक ज्वैलर दीपक चोकसी ने ईटीवी भारत से कहा कि ज्वैलरी में कलरफुल डायमंड की डिमांड बढ़ गई है. लोग अब सफेद हीरे की जगह रंगीन हीरे की मांग कर रहे हैं. रंगीन हीरे प्राकृतिक होते हैं और सफेद हीरे रंगे होते हैं. सफेद के बाद अब लोग गुलाबी, लाल, हरे और पीले हीरों को चुन रहे हैं. हीरे की कीमत उसके रंग से तय होती है. प्रमाणित हीरे की कीमत अधिक होती है. वर्तमान में सबसे अधिक मांग गुलाबी हीरे की है.