नई दिल्ली: देशभर में कोराना वायरस संकट के बावजूद भारतीय रेल की दो बड़ी परियोजनाओं प्रतिबद्ध मालवहन गलियारा (डीएफसी) और बुलेट ट्रेन में विलंब नहीं होगा. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने बुधवार को यह बात कही.
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में अधिकतर अवसंरचना परियोजनाएं लॉकडाउन की वजह से मजदूरों और आर्थिक कारोबार में मंदी के चलते विलंब से चल रही हैं. रेलवे की इन दो परियोजनाओं से देश के रेल परिचालन में मूलभूत बदलाव आएगा.
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डीएफसी के तहत मालगाड़ियों के लिए अलग रेल-मार्ग बनाए जा रहे हैं. इसमें पूर्वी गलियारा 1,839 किलोमीटर का है जो पंजाब में लुधियाना से पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास दानकुनी को जोड़ेगा. पश्चिमी गलियारा दिल्ली से मुंबई के बीच विकिसित किया जा रहा है. इसकी दौड़ 1,483 किलोमीटर है.
डीएफसी कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार पूर्वी गलियारे का 60 प्रतिशत और पश्चिमी गलियारे का 56 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. वहीं परियोजना के लिए आवश्यक 99 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है.
यह परियोजना दिसंबर 2021 तक पूरी होनी है. इससे भारतीय रेल को अपनी 70 प्रतिशत मालगाड़ियां इस पर स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी.
यादव ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, "डीएफसीसीआईएल का अपने श्रमिकों को निर्माण स्थलों के पास शिविरों में रखने का निर्णय बहुत अच्छा है. वहां उन्हें मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं जिसकी वजह से बड़ी संख्या में मजदूर अपने घरों को वापस नहीं गए हैं. इस वजह से काम रुका नहीं, बस थोड़ा धीमा हुआ है. वैसे भी अभी इसकी समयसीमा पूरा होने में काफी समय है."
डीएफसीसीआईएल के अनुसार उत्तरप्रदेश एवं महाराष्ट्र में उसके विभिन्न निर्माण स्थलों पर करीब 40,000 श्रमिक हैं जो अभी घटकर 15,000 रह गए हैं.
डीएफसी का पूरा होना अप्रैल 2023 तक देश में 151 निजी यात्री रेलों का परिचालन शुरू करने के लिए भी अहम है, क्योंकि यह रेल नेटवर्क पर भीड़भाड़ को कम करेगा.
यादव ने कहा कि जब तक देश में निजी ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा, हमें अपना बुनियादी ढांचे से जुड़ा काम पूरा करना होगा. हम रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और तीसरी लाइन बनाने से जुड़ी कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं. यह ट्रेनों के जाम को कम करेगा.
इसके अलावा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भी दिसंबर 2023 तक पूरी की जानी है.
(पीटीआई-भाषा)