नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत महिला खाताधारकों को शुक्रवार से 500 रुपये महीना मिलना शुरू हो जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह इसकी घोषणा की थी. लोगों से कहा गया है कि वह यह राशि अपनी सुविधानुसार बाद में कभी भी निकाल सकते हैं. निकासी के लिये एटीएम का प्रयोग करने की सलाह दी गई है.
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत तीन महीने में कुल दी जाने वाली 1,500 रुपये की रकम की यह पहली किस्त होगी.
लाभार्थियों को व्यवस्थित तरीके से राशि पहुंचाने को लेकर आईबीए ने अप्रैल महीने की किस्त को लेकर समयसारणी बनायी है जिसका पालन सभी बैंक करेंगे. धन का अंतरण पांच दिनों में किया जाएगा ताकि बैंकों पर एक साथ बोझ नहीं पड़े.
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समयसारणी के अनुसार जिन जनधन महिला खाताधाकों की खाता संख्या का अंतिम अंक 0 और 1 है, उन्हें उनके खाते में तीन अप्रैल को पैसा आएगा. वहीं खाते के अंत में संख्या 2 या तीन वाले खाताधारकों के खाते में चार अप्रैल को राशि डाली जायेगी.
आईबीए के अनुसार जिन लाभार्थियों की खाता संख्या 4 या 5 है, उनके खातों में सात अप्रैल को पैसा डाल दिया जायेगा. वहीं जिन खाताधारकों के खाते की संख्या के अंत में 6 या 7 है, उनके खाते में अगले दिन यानी आठ अप्रैल को यह राशि डाल दी जायेगी. अंतिम किस्त 8 और 9 नंबर अंक वाले खाताधारकों के खाते में नौ अप्रैल को डाली जायेगी.
लाभार्थी नौ अप्रैल के बाद अपनी सुविधानुसार कभी भी पैसा निकाल सकते हैं.
इसमें कहा गया है, "पैसा बैंक खातों में डाला जा रहा है, लाभार्थियों को निकासी के लिये हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है. लाभार्थी अपनी सुविधानुसार पैसा खाते से कभी भी निकाल सकते हैं."
आईबीए ने लाभार्थियों से पैसा निकालने के लिये समीप के एटीएम का उपयोग करने का सुझाव दिया है ताकि शाखा में ज्यादा भीड़ नहीं हो.
बयान के अनुसार, "किसी भी बैंक के एटीएम से पैसा निकाला जा सकता है और सरकार के निर्देश के अनुसार उसके लिये फिलहाल कोई शुल्क नहीं देना होगा."
इसके अलावा बैंकों को पीएम-किसान योजना के लाभार्थियों को भी देखना है. इसके तहत पहली किस्त के रूप में 2,000 रुपये दी जा रही है. इस योजना में सालाना तीन किस्तों में 6,000 रुपये दी जाती है.
बैंकों को अगले तीन महने महीने में तीन करोड़ गरीब विधवा पेंशनभोगियों और गरीब दिव्यांगों के खाते में 1,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने को कहा गया है.
(पीटीआई-भाषा)