नई दिल्ली: दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर विकासपुरी से वज़ीराबाद तक बनाए गए सिग्नल फ्री कॉरिडोर पर अलग-अलग जगहों पर हैंगिंग फुटओवर ब्रिज बनने थे. तय डेडलाइन दो बार बढ़ाने के बावजूद योजना लेटलतीफी की शिकार हो चुकी है. नतीजा रिंग रोड के सिग्नल फ्री हिस्से में सड़क पार करना राहगीरों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
लोक निर्माण विभाग द्वारा बाहरी रिंग रोड के मुकरबा चौक से वजीराबाद तक 5 फुट ओवर ब्रिज बनाए जाने थे. इनमें से मुकरबा चौक, निरंकारी समागम, जहांगीरपुरी तथा जगतपुर का निर्माण कार्य लटका हुआ है.
अधर में पड़ा निर्माण कार्य
लोक निर्माण विभाग ने 32 करोड़ की लागत से बनने वाले इन फुटओवर ब्रिज का निर्माण कार्य 16 नवंबर 2016 को शुरू किया था. तब 8 महीने में इसे तैयार करने की बात कही गई थी. इन सभी फुटओवर ब्रिज को जुलाई 2017 से पैदल यात्रियों के लिए चालू कर दिया जाना था.
अब तक फुटओवर ब्रिज का निर्माण नहीं हो सका फिर लोक निर्माण विभाग ने 1 साल का डेडलाइन बढ़ाते हुए इसे 30 अप्रैल 2018 तक पूरा करने के निर्देश दिया था. अप्रैल 2018 गुजरने के बाद अब अप्रैल 2019 हो चुका है. साल भर बाद भी हैंगिंग फुटओवर ब्रिज हवा में ही लटका है.
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इन फुटओवर ब्रिज के निर्माण में देरी को लेकर सीधे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया. जबकि इसे पूरा करने में केंद्र सरकार से कोई सहयोग की जरूरत नहीं थी. विपक्ष का कहना है कि जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तभी से दिल्ली का विकास कार्य ठप पड़ा हुआ है. जिन फुटओवर ब्रिज को 8 महीने में तैयार हो जाने चाहिए थे, वह है 36 महीने बाद भी नहीं तैयार हो पाया है और खामियाजा जनता भुगत रही है.