नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस महीने की शुरुआत में कोवैक्सीन को स्वीकृति देने से टीके की खुराक ले चुके भारतीयों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा आसान हो जाएगी और भारत उन देशों से भी बात कर रहा है जो भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोविड-19 रोधी टीकों को मान्यता देने के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 96 देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को या तो मंजूर कर लिया है या कुछ देशों ने केवल कोविशील्ड या कोवैक्सीन को ही मंजूरी दी है. डब्ल्यूएचओं ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों टीकों को मान्यता दी है.
उन्होंने कहा, 'लेकिन हमें उम्मीद है कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूरी दिए जाने से इस सूची का विस्तार होगा और सभी 96 या अधिक देश दोनों टीकों को स्वीकार करेंगे. मुझे लगता है कि यह (मंजूरी) टीके की खुराक ले चुके भारतीयों की विदेश यात्रा को आसान बनाने में काफी सुधार लाएगी.'
सरकार के बयान पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहने पर बागची ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ ही विदेश मंत्रालय के वेब पेज पर कोई भी देख सकता है कि नौ नवंबर तक दो तरह की सूची है पहली उच्च जोखिम की श्रेणी वाले देशों की और दूसरी ए श्रेणी वाले देशों की. उन्होंने कहा कि भारत में प्रवेश के लिए नए संशोधित दिशा निर्देश मोटे तौर पर इन्हीं श्रेणियों पर निर्भर होंगे.
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बागची ने कहा कि जिन देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को मान्यता दी है और जिन्होंने हमारे टीकों को स्वीकार किया है उन्हें ए श्रेणी में रखा गया है. उन्होंने कहा कि 96 देशों ने डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों या हमारे टीकों को मंजूरी दे दी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस महीने तीन नवंबर को भारत द्वारा विकसित कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल का लाइसेंस दे दिया. इससे कोवैक्सीन की खुराक लेने वाले लोगों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा आसान होनी चाहिए. कई देशों ने पहले ही डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वीकृत टीकों को मान्यता दे दी है और कोवैक्सीन स्वत: ही इस सूची में शामिल हो गया है.'
टीकों के निर्यात पर उन्होंने कहा कि भारत की घरेलू आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उसने टीकों की विदेशों में आपूर्ति बहाल कर दी है. बागची ने बताया कि कई खेप भेजी जा चुकी हैं जबकि कुछ भेजी जा रही हैं.
(पीटीआई-भाषा)