इंफाल : मणिपुर में फिर से तनाव उत्पन्न हो गया है. सोमवार को कुछ लोगों ने इंफाल पूर्व जिले में कुछ घरों को आग के हवाले कर दिया. तनाव बढ़ते ही पूरे इलाके में सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेस को तैनात कर दिया गया है. जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील देने का समय भी बदल दिया है. अब यह सुबह छह बजे से दोपहर के दो बजे तक रहेगा. पहले यह समय शाम के चार बजे तक था.
जिला प्रशासन के अनुसार ये कदम एहतियाती तौर पर उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कहीं फिर से कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर गलत फोटो प्रसारित न कर दे, उकसाने वाले वीडियो वायरल न हो जाएं, इसलिए कुछ कड़े कदम उठाए गए हैं. सेना ने भी स्थिति पर अपना बयान जारी किया है. सेना ने कहा कि तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है.
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Responding to inputs of likely clash on the outskirts of Imphal, Manipur today morning, Army & Assam Rifles columns moved in time & situation was brought under control. 3 suspects were apprehended & 2 weapons have been recovered. The situation is peaceful: Indian Army pic.twitter.com/UkySOGY7Bj
— ANI (@ANI) May 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इंफाल पूर्व के न्यू चेकॉन बाजार में सोमवार सुबह 10.30 बजे अफरा-तफरी जैसी स्थिति बन गई थी. उसके बाद हाथापाई की नौबत आ गई. एक भीड़ ने कुछ लोगों के घरों को जला दिया. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीन मई को भी चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क उठी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर हिंसा में अब तक कुल 74 लोगों की मौत हो चुकी है.
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#WATCH | Abandoned houses set ablaze by miscreants in New Lambulane area in Imphal in Manipur. Security personnel on the spot. pic.twitter.com/zENI5nuMyM
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क्या है पूरा विवाद - मणिपुर में मैतेई आरक्षण को लेकर विवाद जारी है. इनकी आबादी मणिपुर की आधी आबादी है. लेकिन वह मणिपुर के मात्र 10 फीसदी क्षेत्रों में सीमित हैं. ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. यहां की हाईकोर्ट ने सरकार को मैतेई को एसटी सूची में डालने का आदेश दिया था. इसके बाद से ही हिंसा जारी है. मैतेई समुदाय का पक्ष है कि उनकी आबादी लगातार घट रही है. उनके अनुसार कभी वह 62 फीसदी तक हुआ करते थे, लेकिन अब वह 50 फीसदी के आसपास पहुंच गए हैं. उनके विरोध में नगा और कुकी समुदाय हैं. वे मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में रहते हैं. 90 फीसदी भौगोलिक क्षेत्रों पर इनका कब्जा है. वे मैतेई को किसी भी हाल में एसटी सूची में शामिल करने के खिलाफ हैं.
कांग्रेस सेवा दल ने पूरी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. दल ने भाजपा सरकार की आलोचना की है. पार्टी ने कहा है कि पूरे मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाए हैं.
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Manipur has been burning for the last 16 days with hundreds of lives lost.
— Congress Sevadal (@CongressSevadal) May 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Neither the state government nor the central home ministry has taken any step to resolve the conflict and ensure peace in the north-east state.
Why is the President so reluctant to impose President rule… pic.twitter.com/edDpPmlcrE
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Neither the state government nor the central home ministry has taken any step to resolve the conflict and ensure peace in the north-east state.
Why is the President so reluctant to impose President rule… pic.twitter.com/edDpPmlcrE
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