नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पहले चरण के लिए राज्य को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 150 कंपनियां मुहैया करा रहा है. केंद्र नहीं चाहता कि चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना हो. इस वजह से राज्य को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
चुनाव आयोग ने शनिवार को यूपी में 10 फरवरी से 7 मार्च तक छह चरणों में मतदान की घोषणा की. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में घोषणा करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में फरवरी माह में पांच दिन यानी 10, 14, 20, 23 और 27 को और मार्च माह के दो दिन यानी 3 और 7 तारीख को मतदान होगा.
वहीं यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 30 कंपनियां, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 20 कंपनियां और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 50 कंपनियों को 150 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में शामिल किया गया है, जो केंद्र द्वारा प्रदान की जा रही हैं. अधिकारी ने बताया कि आम तौर पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं.
उत्तर प्रदेश में चार आयुक्तालय (कमिश्नरेट) सहित 78 जिले हैं. जब चुनाव की बात आती है तो हर जिले की अलग-अलग समस्याएं होती हैं. केंद्रीय पुलिस सशस्त्र बल के अतिरिक्त बलों को जिलों की संवेदनशीलता के अनुसार तैनात किया जाएगा.
ये भी पढ़ें - पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, 10 फरवरी से सात चरण में मतदान, 10 मार्च को नतीजे
अधिकारी ने कहा, केंद्र इन एजेंसियों को इसलिए तैनात कर रहा है, ताकि चुनाव निष्पक्ष और कुशल तरीके से हो सके. हमें 10 जनवरी तक इन कंपनियों की सेवा मिल जाएगी. इससे चुनाव के दौरान संवेदनशीलता और भेद्यता भी कम हो जाएगी. हमें उम्मीद है कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से होंगे. यूपी पुलिस विभाग ने सभी जिलों से कहा है कि उन्हें फ्लैग मार्च करना है. फ्लैग मार्च में स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बल एक-दूसरे की मदद करेंगे.
प्रयागराज जिलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की चार कंपनियां तैनात की जाएंगी. केंद्र द्वारा प्रदान किए गए 74 जिलों में यह अधिकतम सुरक्षा होगी. लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में कमिश्नरेट हैं. इन तीनों को सीएपीएफ की तीन कंपनियां मिलेंगी. गौतमबुद्धनगर में भी कमिश्नरी लागू है, लेकिन उसे सिर्फ दो अर्धसैनिक कंपनियां दी गई हैं. यूपी पुलिस ने कहा, 35 जिलों को दो अर्धसैनिक कंपनियां मिली हैं, जबकि 25 जिलों को एक अर्धसैनिक कंपनी मिली है.
(एजेंसी)