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कोविड बीप, यूवी-सी विषाणुशोधन प्रौद्योगिकी जैसी कई स्वदेशी तकनीक विकसित की गई हैं: जितेंद्र सिंह

लोकसभा में प्रश्नकाल चलाया गया और मंत्रियों ने अनेक सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए. इस दौरान कोविड-बीप (COVID-BEEP) उपकरण के बारे में जानकारी दी.

Jitendra Singh
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Published : Jul 28, 2021, 4:27 PM IST

नई दिल्ली : विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन, रक्तचाप आदि मानकों को मापने के लिए 'कोविड बीप' और संसद में लगाये गये यूवी-सी विषाणुशोधन उपकरण जैसी अनेक स्वदेशी प्रौद्योगिकी कोरोना वायरस से निपटने की दिशा में विकसित की गई हैं.

जितेंद्र सिंह का बयान

सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अनेक स्वदेशी तकनीकों के विकास पर काम किया है जिनमें एक उपकरण 'कोविड बीप' है. इसमें कोविड का संदर्भ 'सतत ऑक्सीजन संबंधी महत्वपूर्ण सूचना उपकरण' से भी है.

केंद्रीय मंत्री ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की चिंता अनुराधा के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित पूर्ण स्वदेशी उपकरण 'कोविड बीप' के अनेक परीक्षण और प्रस्तुतिकरण किये गये हैं और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि निरंतर ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण सूचना का पता लगाने वाला बायोमेड [COVID-BEEP] पूरी तरह से स्वदेशी उपकरण है. यह उपकरण ऑक्सीजन स्तर, शरीर के तापमान, रक्तचाप को रिकॉर्ड करता है. यह नर्स नहीं होने पर मरीजों की निगरानी कर सकता है. मरीज की हर गतिविधि इस पर रिकॉर्ड हो जाएगा.

उन्होंने कहा, इस डिवाइस को व्यापक उपयोग के लिए प्रचारित किया जा रहा है. इनमें से 500 से अधिक की आपूर्ति केरल में रेड क्रॉस को की गई है. ऋषिकेश एम्स पहले ही कुछ कोविड बीप उपकरण खरीद चुका है. विभिन्न संस्थानों को लगभग 10,000 उपकरण की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है. यह एक अनूठा उपकरण है क्योंकि इसका उपयोग अस्पताल में भी किया जा सकता है.

मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, यह अपेक्षाकृत लागत प्रभावी और आसान उपकरण ईसीआईएल और ईएसआईसी हैदराबाद ने विकसित किया है.

पढ़ें :- कोयले के आयात को कम करने के प्रयास जारी : प्रहलाद जोशी

एक अन्य पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए जितेंद्र सिंह ने बताया कि संसद भवन के अंदर लोकसभा और केंद्रीय कक्ष में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा जैवप्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से एक यूवी-सी एयर डक्ट विसंक्रमण प्रणाली (डिसइंफेक्शन सिस्टम) या यूवी-सी विषाणुशोधन उपकरण लगाया गया है जो एयर कंडीशन से आने वाली हवा को शुद्ध करता है.

इस प्रौद्योगिकी को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबद्ध वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा विकसित किया गया है.

सार्स-सीओवी-2 के हवा में संचरण को कम करने के लिए बनाई गई तकनीक को शुरू में सेंट्रल हॉल, लोकसभा कक्ष और समिति कक्ष (कमेटी रूम) 62 और 63 में स्थापित किया गया है.

नई दिल्ली : विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन, रक्तचाप आदि मानकों को मापने के लिए 'कोविड बीप' और संसद में लगाये गये यूवी-सी विषाणुशोधन उपकरण जैसी अनेक स्वदेशी प्रौद्योगिकी कोरोना वायरस से निपटने की दिशा में विकसित की गई हैं.

जितेंद्र सिंह का बयान

सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अनेक स्वदेशी तकनीकों के विकास पर काम किया है जिनमें एक उपकरण 'कोविड बीप' है. इसमें कोविड का संदर्भ 'सतत ऑक्सीजन संबंधी महत्वपूर्ण सूचना उपकरण' से भी है.

केंद्रीय मंत्री ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की चिंता अनुराधा के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित पूर्ण स्वदेशी उपकरण 'कोविड बीप' के अनेक परीक्षण और प्रस्तुतिकरण किये गये हैं और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.

प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि निरंतर ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण सूचना का पता लगाने वाला बायोमेड [COVID-BEEP] पूरी तरह से स्वदेशी उपकरण है. यह उपकरण ऑक्सीजन स्तर, शरीर के तापमान, रक्तचाप को रिकॉर्ड करता है. यह नर्स नहीं होने पर मरीजों की निगरानी कर सकता है. मरीज की हर गतिविधि इस पर रिकॉर्ड हो जाएगा.

उन्होंने कहा, इस डिवाइस को व्यापक उपयोग के लिए प्रचारित किया जा रहा है. इनमें से 500 से अधिक की आपूर्ति केरल में रेड क्रॉस को की गई है. ऋषिकेश एम्स पहले ही कुछ कोविड बीप उपकरण खरीद चुका है. विभिन्न संस्थानों को लगभग 10,000 उपकरण की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है. यह एक अनूठा उपकरण है क्योंकि इसका उपयोग अस्पताल में भी किया जा सकता है.

मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, यह अपेक्षाकृत लागत प्रभावी और आसान उपकरण ईसीआईएल और ईएसआईसी हैदराबाद ने विकसित किया है.

पढ़ें :- कोयले के आयात को कम करने के प्रयास जारी : प्रहलाद जोशी

एक अन्य पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए जितेंद्र सिंह ने बताया कि संसद भवन के अंदर लोकसभा और केंद्रीय कक्ष में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा जैवप्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से एक यूवी-सी एयर डक्ट विसंक्रमण प्रणाली (डिसइंफेक्शन सिस्टम) या यूवी-सी विषाणुशोधन उपकरण लगाया गया है जो एयर कंडीशन से आने वाली हवा को शुद्ध करता है.

इस प्रौद्योगिकी को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबद्ध वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा विकसित किया गया है.

सार्स-सीओवी-2 के हवा में संचरण को कम करने के लिए बनाई गई तकनीक को शुरू में सेंट्रल हॉल, लोकसभा कक्ष और समिति कक्ष (कमेटी रूम) 62 और 63 में स्थापित किया गया है.

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