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Jammu kashmir News : दो डॉक्टर 2009 के शोपियां बलात्कार मामले में सबूत गढ़ने के आरोप में बर्खास्त

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 2009 के शोपियां रेप केस मामले में सबूत गढ़ने पर दो डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है. बता दें कि जांच के दौरान स्पष्ट हुआ था कि दोनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था.

Two doctors of Jammu and Kashmir were dismissed
जम्मू कश्मीर के दो डॉक्टर बर्खास्त
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Published : Jun 22, 2023, 4:57 PM IST

श्रीनगर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने पाकिस्तान स्थित समूहों के साथ कथित तौर पर काम करने और 2009 के शोपियां बलात्कार मामले में सबूत गढ़ने को लेकर गुरुवार को दो डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया. अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी. बर्खास्त किए जाने वाले दो डॉक्टरों में डॉ.बिलाल अहमद दलाल और डॉ. निघत शाहीन चिल्लू शामिल हैं.

शोपियां में 30 मई 2009 को दो महिलाओं -आसिया और नीलोफर के शव एक जलधारा में मिले थे. उसके बाद आरोप लगाया गया था कि सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ बलात्कार किया और फिर उनकी हत्या कर दी. इस मामले को लेकर कश्मीर में 42 दिनों तक बंद की स्थिति थीय केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा इस मामले की जांच शुरू किए जाने के बाद स्थिति में सुधार हुआ था. जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि दोनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था.

अधिकारियों ने कहा कि दो डॉक्टरों- डॉ बिलाल अहमद दलाल और डॉ. निघत शाहीन चिल्लू को पाकिस्तान के साथ मिल कर काम करने और शोपियां की आसिया और नीलोफर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को गलत साबित करने के लिए साजिश रचने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों महिलाओं की 29 मई 2009 को डूबने से मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि दोनों डॉक्टरों का मकसद सुरक्षा बलों पर बलात्कार और हत्या का झूठा आरोप लगाकर लोगों में असंतोष पैदा करना था.

बता दें कि 2010 में सीबीआई ने राज्य पुलिस से यह मामला अपने हाथ में ले लिया था और आगे की दोबारा जांच की थी. इसी कड़ी में सीबीआई ने 2011 में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी जिसमें कहा गया था कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे कि दोनों महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया और उनकी हत्या कर दी गई.

ये भी पढ़ें - जम्मू कश्मीर : ड्यूटी से गैर हाजिर रहने वाले 112 डॉक्टर बर्खास्त

(इनपुट-एजेंसी)

श्रीनगर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने पाकिस्तान स्थित समूहों के साथ कथित तौर पर काम करने और 2009 के शोपियां बलात्कार मामले में सबूत गढ़ने को लेकर गुरुवार को दो डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया. अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी. बर्खास्त किए जाने वाले दो डॉक्टरों में डॉ.बिलाल अहमद दलाल और डॉ. निघत शाहीन चिल्लू शामिल हैं.

शोपियां में 30 मई 2009 को दो महिलाओं -आसिया और नीलोफर के शव एक जलधारा में मिले थे. उसके बाद आरोप लगाया गया था कि सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ बलात्कार किया और फिर उनकी हत्या कर दी. इस मामले को लेकर कश्मीर में 42 दिनों तक बंद की स्थिति थीय केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा इस मामले की जांच शुरू किए जाने के बाद स्थिति में सुधार हुआ था. जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि दोनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था.

अधिकारियों ने कहा कि दो डॉक्टरों- डॉ बिलाल अहमद दलाल और डॉ. निघत शाहीन चिल्लू को पाकिस्तान के साथ मिल कर काम करने और शोपियां की आसिया और नीलोफर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को गलत साबित करने के लिए साजिश रचने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों महिलाओं की 29 मई 2009 को डूबने से मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि दोनों डॉक्टरों का मकसद सुरक्षा बलों पर बलात्कार और हत्या का झूठा आरोप लगाकर लोगों में असंतोष पैदा करना था.

बता दें कि 2010 में सीबीआई ने राज्य पुलिस से यह मामला अपने हाथ में ले लिया था और आगे की दोबारा जांच की थी. इसी कड़ी में सीबीआई ने 2011 में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी जिसमें कहा गया था कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे कि दोनों महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया और उनकी हत्या कर दी गई.

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(इनपुट-एजेंसी)

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