बालासोर : ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या 288 हो गई है. इससे पहले हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 275 बताया गया था. बता दें कि बालासोर जिले में 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ था. हादसे के बाद 193 शव भुवनेश्वर, 94 शव बालासोर और एक शव को भद्रक भेजा गया.
वहीं हादसे में मारे गए 288 लोगों में 205 की पहचान कर ली गई है. इनमें 110 भुवनेश्वर, 94 बालासोर और एक शव भद्रक का था. इसके अलावा 83 शवों की पहचान कराने की कोशिश की जा रही है. इसको लेकर डीएनए सैंपलिंग का काम किया जा रहा है.
बता दें कि हादसे को लेकर रेलवे ने कहा था कि अप मेन लाइन से गुजरते समय 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और हावड़ा से लगभग 280 किलोमीटर और भुवनेश्वर से 171 किलोमीटर दूर स्थित बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. दोनों एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में आरक्षित टिकट वाले 2,200 से अधिक यात्री सवार थे. उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल की 'लूप लाइन' किसी स्टेशन क्षेत्र में बिछायी जाती है और इसका (लूप लाइन का) उद्देश्य परिचालन को सुगम करने के लिए अधिक रेलगाड़ियों को समायोजित करना होता है.
रेलवे ने कहा था कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि रेलगाड़ी के जो 21 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, इनमें से तीन डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गये और उसी समय वहां 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस विपरीत दिशा में गुजर रही थी. फलस्वरूप बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन 'डाउन ट्रैक' पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के गिरे हुए डिब्बों से टकरा गई और इसके पिछले दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे. हादसे के बाद रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी.
भीषण हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल का दौरा करने के साथ ही अस्पताल में घायल से उनका कुशलक्षेम जाना था. वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घायलों का हाल-चाल जाना था. साथ ही रेलमंत्री ने दुर्घटनास्थल पर मौजूद रहकर रेल यातायाता फिर से बहाल कराया था.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)