नई दिल्ली : कांग्रेस ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए और साथ ही गरीबों को छह हजार रुपये की आर्थिक मदद करनी चाहिए.
पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार टीकों पर भी जीएसटी लगाकर लूट कर रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'टीका के लिए बजट का पूरा उपयोग नहीं किया गया. इंसान की जान की कीमत नहीं है. ऐसा इसलिए है कि प्रधानमंत्री का अहंकार बहुत ज्यादा है.'
उन्होंने टीके पर जीएसटी का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए आरोप लगाया, 'जनता के प्राण जाएं पर प्रधानमंत्री की टैक्स वसूली ना जाए!' कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'लूट, लूट और लूट - यही कर रही मोदी सरकार ! क्या 'आपदा में लूट' यूंही जारी रहेगी ? अब कोरोना के टीके पर भी 5 फीसदी जीएसटी ! कुछ तो रहम करो मोदी जी, भगवान आपको माफ़ नहीं करेगा.'
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पार्टी महासचिव अजय माकन ने कहा कि टीकों, दवाइयों और कोरोना से निपटने के लिए जरूरी दूसरे सभी चिकित्सा उपकरणों से जीएसटी हटानी चाहिए. देश में संपूर्ण लॉकडाउन के सवाल पर माकन ने संवाददाताओं से कहा, 'कोई इससे असहमत नहीं होगा कि लोगों की जान किसी भी चीज से ज्यादा अहम है. कई प्रतिष्ठित संस्थाएं कह रही हैं कि लॉकडाउन लगना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'यह सरकार की जिम्मेदारी है कि भूख और महामारी दोनों से किसी की मौत नहीं हो. हम कहते हैं कि केंद्र सरकार को आगे आकर संपूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए. इसके साथ कमजोरों और गरीबों के प्रति माह छह रुपये की मदद दी जाए.'
माकन ने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय जर्नल 'लैंसेंट' के एक संपादकीय का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि देश में कोरोना की मौजूदा हालत कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि 'व्यक्ति द्वारा निर्मित' आपदा है.
उन्होंने कहा, 'लैंसेट ने जो सुझाव दिए हैं वही सुझाव राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को दिए हैं. लैंसेंट ने कहा है कि डेटा मत छिपाइए और पारदर्शिता रखिए. इस जर्नल ने यह भी कहा कि सबका टीकाकरण करिए. यही बातें राहुल गांधी ने कही हैं.'
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माकन के मुताबिक, 'सबसे भयावह बात है कि इस जर्नल के संपादकीय में कहा गया है कि एक अगस्त तक भारत में कोरोना से 10 लाख लोगों की मौत हो जाएगी. इस जर्नल ने यह भी कहा कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि व्यक्ति द्वारा निर्मित आपदा है. दअसल, यह मोदी सरकार द्वारा निर्मित आपदा है.'
उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री को हटाने की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पहले भी हर्षवर्धन को स्वास्थ्य मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग कर चुकी है.