जयपुर. देश में महंगाई के साथ-साथ बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. हर राज्य के विधानसभा चुनाव और देश के लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया जाता है. चुनाव में जीतने के बाद बेरोजगारी कम करने के वादे भी किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत ये है कि आज देश के शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 17.3 है, जबकि राजस्थान पूरे देश में बेरोजगारी दर के मामले में दूसरे पायदान पर है. जहां 30.02 फीसदी बेरोजगारी दर है. ऐसे में अब प्रदेश के युवा न सिर्फ नई सरकार की ओर बल्कि भर्ती परीक्षाएं कराने वाली संस्थाओं की ओर भी उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर महीने में होने वाली भर्ती परीक्षाओं को स्थगित करते हुए उसे जनवरी, फरवरी, मार्च 2024 में कराया जाना प्रस्तावित किया गया है. ये परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी. परीक्षाओं को लेकर बोर्ड की पूरी तैयारी है और नई सरकार का भी पूरा सहयोग है. मार्च-अप्रैल में जो परीक्षाएं प्रस्तावित है जल्द उनकी तारीखों का भी ऐलान कर दिया जाएगा.
प्रदेशवासियों ने राजस्थान में अपनी नई सरकार चुन ली है. नई सरकार में प्रदेश के मुखिया ने शपथ भी ले ली है. ऐसे में अब प्रदेश के युवा बेरोजगार नई सरकार की ओर टकटकी बांधे बैठे हैं. कारण साफ है युवाओं को रोजगार चाहिए साथ ही उनकी निगाहें राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर भी है. कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि 2024 के शुरुआत में होने वाली 6 परीक्षाओं की तारीख सार्वजनिक की गई है. परीक्षाओं की शुरुआत 21 जनवरी से होगी और 3 मार्च तक चलेंगी. बाकी जिन भर्ती परीक्षाओं का जिक्र कैलेंडर में किया गया है, उनकी तारीख भी जल्द जारी की जाएगी. चूंकि मार्च और अप्रैल में स्कूल कॉलेज में भी परीक्षाएं होती हैं ऐसे में उनका शेड्यूल जानने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इस दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लग सकती है, इस वजह से डेट डिक्लेअर नहीं की जा सकी हैं.
पुराने परीक्षाओं के रिजल्ट जारी: पूर्व में कराई गई भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट्स को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि आचार संहिता से पहले जो परीक्षाएं कराई गई थी, उनमें अधिकतर का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. जिन परीक्षाओं का रिजल्ट चुनावी आचार संहिता के चलते रोक दिया गया था, उनका रिजल्ट आचार संहिता हटने के साथ ही जारी कर दिया गया, जिसमें वनरक्षक, सहायक रेडियोग्राफर, कनिष्ठ लेखाकार एवं तहसील राजस्व लेखाकार का रिजल्ट शामिल है. उन्होंने बताया कि अभी कुछ प्रोविजनल रिजल्ट बचे हुए हैं, उन पर जैसे-जैसे उम्मीदवार अपने डॉक्यूमेंट सबमिट कर रहे हैं, रिजल्ट जारी किए जा रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई परीक्षा नहीं बची, जिसका मेन रिजल्ट जारी नहीं किया गया हो. कुछ प्रोविजनल केस जरूर है जिसमें फायरमैन, पीटीआई, शिक्षक भर्ती के पद शामिल है जिसका एक प्रमुख कारण कोर्ट में विचाराधीन होना भी है, और कुछ मामले ऐसे हैं जहां अभ्यर्थियों ने ही अपने सर्टिफिकेट सबमिट नहीं किए हैं. जैसे-जैसे कोर्ट केस क्लियर होते जाएंगे, बचे हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति शुरू होती जाएगी.
कर्मचारी चयन बोर्ड पूरी तरह तैयार: प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी दर को लेकर मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि बोर्ड का गठन भी इसलिए हुआ है कि एग्जाम समय पर कराए जा सके और सरकार की बोर्ड से रिक्त पदों को भरने को लेकर जो भी आकांक्षाएं हैं उसे पूरा करे. उन्होंने यकीन दिलाते हुए कहा कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड हर वो कदम उठाएगी जिससे समय पर परीक्षा हो पाए, समय पर रिजल्ट जारी हो और समय से नियुक्तियां हो.