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पंजाब के विकास के लिए दिल्ली नहीं, पंजाब मॉडल की आवश्यकता है : सिद्धू

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि नीति पर काम किए बिना राजनीति केवल नकारात्मक प्रचार है. उन्होंने राजनीति में जन सरोकार के बिना रहने वाले राजनेताओं के संबंध में कहा है कि ऐसे लोग यहां सिर्फ व्यापार के लिए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के विकास के लिए दिल्ली नहीं, पंजाब मॉडल की आवश्यकता है

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Published : Jul 7, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 4:20 PM IST

नई दिल्ली : नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि हमें पंजाब के विकास के लिए दिल्ली नहीं, पंजाब मॉडल की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बिना जनसरोकार के बिना विकास के राजनीति का मेरे लिए कोई अर्थ नहीं है. उन्होंने कहा कि दूरदृष्टि न होने के लिए वे बादल को दोष नहीं देंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि वे ऐसा नहीं करते हैं.

सिद्धू ने सिलसिलेवार 6 ट्वीट कर कहा कि आज सौर ऊर्जा 1.99 रुपये प्रति यूनिट है, अन्य लाभों के साथ, जैसे नवीकरणीय, उपलब्ध ऑनसाइट (सौर ट्यूब-वेल) आदि. उन्होंने कहा नीति पर काम किए बिना राजनीति केवल नकारात्मक प्रचार है और बिना प्रो-पीपल एजेंडा के राजनेता यहां सिर्फ व्यापार के लिए हैं !! इस प्रकार, विकास के बिना राजनीति का मेरे लिए कोई अर्थ नहीं है... आज, मैं फिर से जोर देता हूं कि हमें पंजाब के विकास के लिए एक पंजाब मॉडल की आवश्यकता है.

सिद्धू बोले- जनसरोकार के बिना राजनीति कर रहे लोग बिजनेस कर रहे हैं
सिद्धू बोले- जनसरोकार के बिना राजनीति कर रहे लोग बिजनेस कर रहे हैं

सिद्धू ने कहा दूरदृष्टि न होने के लिए बादल को दोष नहीं दूंगा, क्योंकि मैं जानता हूं कि वे ऐसा नहीं करते! आज सौर ऊर्जा 1.99 रुपये प्रति यूनिट है, अन्य लाभों के साथ, जैसे नवीकरणीय, उपलब्ध ऑनसाइट (सौर ट्यूब-वेल) आदि, लेकिन बादल-हस्ताक्षरित दोषपूर्ण पीपीए ने पंजाब को दशकों से बहुत अधिक भुगतान करने वाली थर्मल पावर से जोड़ा है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ' कोई दिल्ली मॉडल नहीं! दिल्ली अपनी बिजली खुद पैदा नहीं करती और वितरण रिलायंस और टाटा (Reliance & TATA) के हाथ में है, जबकि पंजाब अपनी खुद की बिजली का 25% उत्पादन करता है और राज्य के स्वामित्व वाली कार्पोरेशन के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करता है. दिल्ली मॉडल (Delhi Model ) का मतलब बादल से बड़ा निजी खिलाड़ी है.

सिद्धू का ट्वीट
सिद्धू का ट्वीट

उन्होंने कहा कि पंजाब अपने बजट की 10% (10,668 करोड़ रुपये) बिजली सब्सिडी देता है, लेकिन दिल्ली अपने बजट का 4% (3080 करोड़ रुपये) देती है. कृषि के अलावा, पंजाब 15 लाख परिवारों (SC, BC & BPL) को 200 यूनिट पूरी तरह से मुफ्त देता है, लेकिन दिल्ली 400 और उससे 400 यूनिट के लिए पूरा 50% अधिक बिल चार्ज करता है.

सिद्धू का ट्वीट
सिद्धू का ट्वीट

दिल्ली किसानों को मुफ्त बिजली नहीं देती है और उद्योग और वाणिज्यिक क्षेत्र (Industry & Commercial sector) पर भारी बोझ डालकर घरेलू सब्सिडी दी जाती है. पंजाब मॉडल का मतलब है दोषपूर्ण पीपीए को रद्द करना, सस्ती/टिकाऊ बिजली का उत्पादन और खरीद, सभी के लिए सब्सिडी वाली बिजली देने के लिए ट्रांसमिशन लागत में कमी.

पढ़ें - ईंधन की बढ़ती कीमतों से जनता में हाहाकार, पूछा- खामोश क्यों है सरकार

अब बड़ा सवाल- क्या बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पंजाब ऐसा कुछ कर सकते हैं? 1% भी नहीं. निर्णय लेने की सभी शक्तियां PSERC के पास हैं जो सीधे सीएम को रिपोर्ट करती हैं. इस प्रकार, मैंने अपना समय पंजाब मॉडल में निवेश किया ताकि लोगों को लोगों की शक्ति वापस लौटाने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके.

नई दिल्ली : नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि हमें पंजाब के विकास के लिए दिल्ली नहीं, पंजाब मॉडल की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बिना जनसरोकार के बिना विकास के राजनीति का मेरे लिए कोई अर्थ नहीं है. उन्होंने कहा कि दूरदृष्टि न होने के लिए वे बादल को दोष नहीं देंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि वे ऐसा नहीं करते हैं.

सिद्धू ने सिलसिलेवार 6 ट्वीट कर कहा कि आज सौर ऊर्जा 1.99 रुपये प्रति यूनिट है, अन्य लाभों के साथ, जैसे नवीकरणीय, उपलब्ध ऑनसाइट (सौर ट्यूब-वेल) आदि. उन्होंने कहा नीति पर काम किए बिना राजनीति केवल नकारात्मक प्रचार है और बिना प्रो-पीपल एजेंडा के राजनेता यहां सिर्फ व्यापार के लिए हैं !! इस प्रकार, विकास के बिना राजनीति का मेरे लिए कोई अर्थ नहीं है... आज, मैं फिर से जोर देता हूं कि हमें पंजाब के विकास के लिए एक पंजाब मॉडल की आवश्यकता है.

सिद्धू बोले- जनसरोकार के बिना राजनीति कर रहे लोग बिजनेस कर रहे हैं
सिद्धू बोले- जनसरोकार के बिना राजनीति कर रहे लोग बिजनेस कर रहे हैं

सिद्धू ने कहा दूरदृष्टि न होने के लिए बादल को दोष नहीं दूंगा, क्योंकि मैं जानता हूं कि वे ऐसा नहीं करते! आज सौर ऊर्जा 1.99 रुपये प्रति यूनिट है, अन्य लाभों के साथ, जैसे नवीकरणीय, उपलब्ध ऑनसाइट (सौर ट्यूब-वेल) आदि, लेकिन बादल-हस्ताक्षरित दोषपूर्ण पीपीए ने पंजाब को दशकों से बहुत अधिक भुगतान करने वाली थर्मल पावर से जोड़ा है.

कांग्रेस नेता ने कहा, ' कोई दिल्ली मॉडल नहीं! दिल्ली अपनी बिजली खुद पैदा नहीं करती और वितरण रिलायंस और टाटा (Reliance & TATA) के हाथ में है, जबकि पंजाब अपनी खुद की बिजली का 25% उत्पादन करता है और राज्य के स्वामित्व वाली कार्पोरेशन के माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करता है. दिल्ली मॉडल (Delhi Model ) का मतलब बादल से बड़ा निजी खिलाड़ी है.

सिद्धू का ट्वीट
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उन्होंने कहा कि पंजाब अपने बजट की 10% (10,668 करोड़ रुपये) बिजली सब्सिडी देता है, लेकिन दिल्ली अपने बजट का 4% (3080 करोड़ रुपये) देती है. कृषि के अलावा, पंजाब 15 लाख परिवारों (SC, BC & BPL) को 200 यूनिट पूरी तरह से मुफ्त देता है, लेकिन दिल्ली 400 और उससे 400 यूनिट के लिए पूरा 50% अधिक बिल चार्ज करता है.

सिद्धू का ट्वीट
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दिल्ली किसानों को मुफ्त बिजली नहीं देती है और उद्योग और वाणिज्यिक क्षेत्र (Industry & Commercial sector) पर भारी बोझ डालकर घरेलू सब्सिडी दी जाती है. पंजाब मॉडल का मतलब है दोषपूर्ण पीपीए को रद्द करना, सस्ती/टिकाऊ बिजली का उत्पादन और खरीद, सभी के लिए सब्सिडी वाली बिजली देने के लिए ट्रांसमिशन लागत में कमी.

पढ़ें - ईंधन की बढ़ती कीमतों से जनता में हाहाकार, पूछा- खामोश क्यों है सरकार

अब बड़ा सवाल- क्या बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पंजाब ऐसा कुछ कर सकते हैं? 1% भी नहीं. निर्णय लेने की सभी शक्तियां PSERC के पास हैं जो सीधे सीएम को रिपोर्ट करती हैं. इस प्रकार, मैंने अपना समय पंजाब मॉडल में निवेश किया ताकि लोगों को लोगों की शक्ति वापस लौटाने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके.

Last Updated : Jul 7, 2021, 4:20 PM IST
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