हरिद्वार (उत्तराखंड): हिंदुओं के बड़े धार्मिक स्थलों पर लगातार बयानबाजी करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ धर्मनगरी हरिद्वार के संत, तीर्थ पुरोहित और श्रद्धालुओं ने मोर्चा खोल दिया है. संतों ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की मांग की है. साथ ही मौर्य के बयान पर उनको मानसिक दिवालियापन घोषित करते हुए उनके डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी की है.
महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य समाज में वैमनस्य निर्माण का कार्य कर रहे हैं. उन्हें समाज से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए.
दूसरी तरफ काली सेना के परमाध्यक्ष आनंद स्वरूप ने कहा कि बौद्ध धर्म से पहले सनातन धर्म था और आज जो बौद्ध धर्म अपनाए हुए हैं, वह सब हिंदू ही थे. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए काली सेना के सैनिकों से उन्हें सबक सिखाने का आह्वान किया है.
दूसरी तरफ हरिद्वार हर की पैड़ी गंगा घाट का रखरखाव का जिम्मा संभाल रहे श्री गंगा सभा के सचिव उज्ज्वल पंडित ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें यह समझना होगा कि बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ, गौतम बुद्ध कैसे बने? उनके (मौर्य) द्वारा लगातार हिंदुओं के प्रति ऊलजलूल बयान दिए जा रहे हैं.
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ये है पूरा मामलाः सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपी में चल रहे ज्ञानवापी प्रकरण के बीच बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया. मौर्य ने कहा कि केदारनाथ-बदरीनाथ धाम की जांच कराई जाए तो वह एक बौद्ध मठ निकलेगा. मौर्य ने कहा है कि हिंदुओं ने भी बौद्ध मठों के ऊपर मंदिर बनाए हैं. बदरीनाथ-केदारनाथ भी उनमें से एक है. उन्होंने दोनों धाम को 8वीं शताब्दी का मठ बताया.