भरतपुर. राजस्थान जिले के भरतपुर में सैनी आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से बीते 12 दिन से चल रहा आंदोलन मंगलवार को स्थगित कर दिया गया. संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने मंगलवार दोपहर को आंदोलन स्थल पर समाज के सभी लोगों के सामने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो भविष्य में फिर आंदोलन किया जाएगा. आंदोलन स्थगित करने की घोषणा के साथ ही आंदोलनकारियों ने जयपुर आगरा हाईवे को खाली करना शुरू कर दिया है.
संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने मंगलवार दोपहर को आंदोलन स्थल पर घोषणा करते हुए कहा कि अब आगामी आदेश तक आंदोलन को स्थगित किया जा रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में फिर से आंदोलन किया जाएगा. साथ ही ओबीसी आयोग के साथ में हुई वार्ता के बारे में मुरारी लाल सैनी ने कहा कि आयोग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को 10 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. 10 दिन में सभी जिला कलेक्टर अपने-अपने जिलों में सैनी, माली, कुशवाहा आदि जातियों का सर्वे कराकर ओबीसी आयोग को रिपोर्ट सौंपेंगे.
मुकदमों पर भी सहमति : मुरारी लाल सैनी ने बताया कि जब सभी कलेक्टर अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप देंगे, तो उसके एक महीने में आयोग पूरे प्रदेश में सर्वे कराकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा. सैनी ने बताया कि हमने सरकार के सामने यह बात भी रखी थी आंदोलन के दौरान समाज के जिन लोगों के खिलाफ पुलिस में मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन सभी को वापस लिया जाए. सरकार ने इस बात पर भी सहमति जताई है.
पुलिस का रवैया बर्बरता पूर्ण : मुरारी लाल सैनी ने कहा कि आंदोलन के दौरान पुलिस का रवैया बर्बरता पूर्ण रहा. आंदोलन की तैयारियों के दौरान पुलिस टेंट और अन्य सामान फाड़कर उठाकर ले गई. समाज के करीब डेढ़ सौ लोगों को जेलों में डाल दिया. समाज के लोगों पर आंसू गैस की गोली छोड़ी गई, लाठियां चलाई गई।लेकिन समाज के लोगों में आरक्षण को लेकर रोष था, इसीलिए हाईवे जाम किया गया.
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12 दिन से जारी था आंदोलन : बता दें कि सैनी, माली, कुशवाहा, काछी आदि समाज के लोग 21 अप्रैल से जयपुर आगरा हाईवे अरोदा के पास चक्का जाम कर आंदोलन कर रहे थे. जिसके बाद प्रशासन और सरकार के साथ संघर्ष समिति की कई बार वार्ता हुई. आखिर में 1 मई को संघर्ष समिति के 21 सदस्यीय दल की वार्ता ओबीसी आयोग के साथ में हुई, जिसमें ओबीसी आयोग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को 10 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. समाज का प्रतिनिधिमंडल आयोग से वार्ता के बाद मंगलवार को आंदोलन स्थल पर पहुंचा और समाज के सभी लोगों से आयोग की वार्ता के बारे में चर्चा. समाज के सभी लोगों ने सर्वसम्मति से आंदोलन को स्थगित कर दिया है.