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राजनाथ का वियतनाम दौरा आठ जून से, ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात को देंगे बढ़ावा

'मेक इन इंडिया' प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आठ से दस जून तक वियतमान यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान वियतनाम को 'ब्रह्मोस' मिसाइल बेचने पर जोर रक्षामंत्री जोर दे सकते हैं. आगे की खबर के लिए पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट...

राजनाथ
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Published : Jun 5, 2022, 7:14 PM IST

नई दिल्ली : फिलीपींस की नौसेना के लिए कम से कम तीन 'ब्रह्मोस' मिसाइल बैटरी निर्यात करने के लिए जनवरी के अंत में 2,770 करोड़ रुपये का सौदा करने के बाद भारत, वियतनाम के साथ और अधिक 'ब्रह्मोस' कारोबार करने के लिए उत्सुक है. एक आधिकारिक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बुधवार से वियतनाम की तीन दिवसीय यात्रा में 'ब्रह्मोस' की पेशकश के शामिल होने की बहुत संभावना है.

हाल के दिनों में मिसाइल में रुचि व्यक्त करने के बाद, वियतनाम हमारे सकारात्मक देशों की सूची में शामिल है, जहां हम उत्पाद को मजबूती से पेश कर सकते हैं. 'ब्रह्मोस' के अलावा, वियतनाम ने 'आकाश' सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल (surface-to-air missile (SAM) में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई थी.' जहां भारत ने रूस के साथ संयुक्त रूप से सुपरसोनिक 'ब्रह्मोस' विकसित किया है, वहीं 'आकाश' लगभग 90 प्रतिशत स्वदेशी है. वियतनाम को इस तरह की बिक्री, जिसके साथ भारत की 2016 से 'व्यापक रणनीतिक' साझेदारी है, भारत की सामयिक बाह्य नीति को आगे बढ़ाने के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया - मेक फॉर द वर्ल्ड' कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी.

वियतनाम भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' (AEP) के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ घनिष्ठ आर्थिक, राजनीतिक, सैन्य और रणनीतिक संबंध बनाना है, जो दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के तहत समूहीकृत हैं और निर्यात के लिए भारतीय उत्पादों के साथ एशियाई बाजार प्रक्रिया में दक्षिणपूर्व में भी विस्तार करते हैं.

अपने वियतनामी समकक्ष जनरल फान वान गियांग से मिलने के अलावा, राजनाथ सिंह वियतनामी राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और पीएम फाम मिन्ह चिन्ह से भी मुलाकात करेंगे. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह परियोजना वियतनाम के साथ बढ़ते रक्षा सहयोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया', 'मेक फॉर द वर्ल्ड' दृष्टिकोण को दर्शाती है.

यात्रा के दौरान राजनाथ वियतनाम को 12 हाई-स्पीड गार्ड नौकाएं भी सौंपेंगे. इन नौकाओं का निर्माण भारत द्वारा वियतनाम को दिए गए दस करोड़ डॉलर के रक्षा ऋण के तहत किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हाई फोंग के होंग हा बंदरगाह पर राजनाथ वियतनाम को 12 हाई स्पीड गार्ड नौकाएं सौंपने से जुड़े कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे, जिनका निर्माण भारत सरकार द्वारा दिए गए दस करोड़ डॉलर के रक्षा ऋण के तहत किया गया है.

राजनाथ न्हा ट्रांग में दूरसंचार विश्वविद्यालय सहित वियतनाम के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों का भी दौरा करेंगे, जहां भारत से मिले 50 लाख डॉलर के अनुदान के जरिये एक आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क की स्थापना की जा रही है. मंत्रालय के अनुसार, भारत-वियतनाम के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री की वियतनाम यात्रा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग तथा व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने में मदद करेगी.

नई दिल्ली : फिलीपींस की नौसेना के लिए कम से कम तीन 'ब्रह्मोस' मिसाइल बैटरी निर्यात करने के लिए जनवरी के अंत में 2,770 करोड़ रुपये का सौदा करने के बाद भारत, वियतनाम के साथ और अधिक 'ब्रह्मोस' कारोबार करने के लिए उत्सुक है. एक आधिकारिक सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया, 'रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बुधवार से वियतनाम की तीन दिवसीय यात्रा में 'ब्रह्मोस' की पेशकश के शामिल होने की बहुत संभावना है.

हाल के दिनों में मिसाइल में रुचि व्यक्त करने के बाद, वियतनाम हमारे सकारात्मक देशों की सूची में शामिल है, जहां हम उत्पाद को मजबूती से पेश कर सकते हैं. 'ब्रह्मोस' के अलावा, वियतनाम ने 'आकाश' सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल (surface-to-air missile (SAM) में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई थी.' जहां भारत ने रूस के साथ संयुक्त रूप से सुपरसोनिक 'ब्रह्मोस' विकसित किया है, वहीं 'आकाश' लगभग 90 प्रतिशत स्वदेशी है. वियतनाम को इस तरह की बिक्री, जिसके साथ भारत की 2016 से 'व्यापक रणनीतिक' साझेदारी है, भारत की सामयिक बाह्य नीति को आगे बढ़ाने के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया - मेक फॉर द वर्ल्ड' कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी.

वियतनाम भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' (AEP) के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ घनिष्ठ आर्थिक, राजनीतिक, सैन्य और रणनीतिक संबंध बनाना है, जो दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के तहत समूहीकृत हैं और निर्यात के लिए भारतीय उत्पादों के साथ एशियाई बाजार प्रक्रिया में दक्षिणपूर्व में भी विस्तार करते हैं.

अपने वियतनामी समकक्ष जनरल फान वान गियांग से मिलने के अलावा, राजनाथ सिंह वियतनामी राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और पीएम फाम मिन्ह चिन्ह से भी मुलाकात करेंगे. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह परियोजना वियतनाम के साथ बढ़ते रक्षा सहयोग के संदर्भ में महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया', 'मेक फॉर द वर्ल्ड' दृष्टिकोण को दर्शाती है.

यात्रा के दौरान राजनाथ वियतनाम को 12 हाई-स्पीड गार्ड नौकाएं भी सौंपेंगे. इन नौकाओं का निर्माण भारत द्वारा वियतनाम को दिए गए दस करोड़ डॉलर के रक्षा ऋण के तहत किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हाई फोंग के होंग हा बंदरगाह पर राजनाथ वियतनाम को 12 हाई स्पीड गार्ड नौकाएं सौंपने से जुड़े कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे, जिनका निर्माण भारत सरकार द्वारा दिए गए दस करोड़ डॉलर के रक्षा ऋण के तहत किया गया है.

राजनाथ न्हा ट्रांग में दूरसंचार विश्वविद्यालय सहित वियतनाम के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों का भी दौरा करेंगे, जहां भारत से मिले 50 लाख डॉलर के अनुदान के जरिये एक आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क की स्थापना की जा रही है. मंत्रालय के अनुसार, भारत-वियतनाम के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री की वियतनाम यात्रा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग तथा व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने में मदद करेगी.

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