श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार को पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के आवास पर पीपुल्स अलायन्स फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (PAGD) की बैठक हुई. जिसमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, एमवाई तारिगामी, मुजफ्फर शाह समेत कई नेताओं ने भाग लिया. गुपकर गठबंधन ने एक बार फिर लद्दाख सहित जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी मांग को दोहराया है.
इस बार बैठक में जिला के शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया गया था, लेकिन प्रशासन ने कोविड प्रतिबंधों का हवाला देते हुए नेताओं को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी थी, इसके बावजूद उन्होंने बैठक की.
पीएजीडी ने कहा है कि वह विशेष दर्जा बहाल करने के लिए सभी संवैधानिक और राजनीतिक तरकीब का उपयोग करेगा.
तारिगामी ने कहा, सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपमानित करने में गर्व महसूस कर रही है. लोगों की आवाज दबाई जा रही है, राजनीतिक नेताओं को बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है. बाहरी लोगों को प्रशासनिक पदों पर बैठाया गया है, जबकि स्थानीय अधिकारियों को दरकिनार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पीएजीडी 5 अगस्त, 2019 से पहले जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संघर्ष करना जारी रखेगा. तारिगामी ने कहा कि हम इस मुद्दे को भारत के लोगों, नागरिक समाज, मीडिया घरानों और भारत की संसद के सामने उठाएंगे. अपमान को रोका जाना चाहिए, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में इसके नकारात्मक परिणाम होंगे.
गुपकर गठबंधन जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग कर रहा है. इसकी अगुआई डॉ. फारूक अब्दुल्ला कर रहे हैं. गठबंधन का गठन अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए किया गया था, जिसे 5 अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया गया था.
गुपकर गठबंधन में जम्मू-कश्मीर की प्रमुख पार्टियां शामिल हैं. PAGD का कहना है कि वह विशेष दर्जा बहाल करने के लिए सभी संवैधानिक और राजनीतिक साधनों का इस्तेमाल करेगा.
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के नेताओं को चुनाव के आश्वासन के साथ पीएम की सर्वदलीय बैठक समाप्त
गौरतलब है कि जून में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारा दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में गुपकर गठबंधन ने भाग लिया था. इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, सज्जाद लोन समेत कई नेता शामिल हुए थे.