नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मालेगांव जिला प्रशासन को वायु प्रदूषण की समय समय पर समीक्षा करने और एक रिपोर्ट दायर करने का मंगलवार को निर्देश दिया. मालेगांव में प्लास्टिक को फिर से इस्तेमाल करने के लिए उसे पिघलाया जा रहा है जिससे वायु प्रदूषण हो रहा है. एनजीटी के प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जमीन पर असंतोषजनक स्थिति है और लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के हित में कानूनों की उच्च निगरानी और कठोर प्रवर्तन की जरूरत है.
पीठ ने कहा मालेगांव के निगम आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और राज्य पीसीबी समय-समय पर कम से कम महीने में एक बार स्थिति की समीक्षा करें और अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को भेजें जो नियमित आधार पर स्थिति के सुधरने तक कम से कम तिमाही में एक बार स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं. अधिकरण ने कहा कि नासिक के लिए जिला पर्यावरण योजना तैयार की गई है जिसमें मालेगांव से संबंधित मुद्दों को भी शामिल किया जाना चाहिए और जिला पर्यावरण प्रबंधन समिति का गठन करके जिलाधिकारी को मासिक आधार पर इस योजना को लागू करने की निगरानी करनी चाहिए.
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अधिकरण मोहम्मद यूसुफ अब्दुल्लाह शेख और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही था. इस याचिका में प्लास्टिक के 'दाने' बनाने के लिए उसे पिघलाने से हो रहे वायु प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया था.