चंडीगढ़ : पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि 2015 के कोट कपूरा गोलीबारी घटना की जांच पूरी करने के लिये उच्च न्यायालय द्वारा तय की गई छह महीने की समय सीमा अधिकतम है और नया विशेष जांच दल (एसआईटी) उससे भी पहले जांच संपन्न करने के लिये स्वतंत्र है.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि घटना की जांच के लिये एसआईटी को छह महीने का समय देने से फरीदकोट में 2015 में बेअदबी मामले के बाद पुलिस गोलीबारी की घटना में न्याय सुनिश्चित करने में 'और देरी' होगी.
विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा ने भी इस मुद्दे पर पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह दोषियों को बचाने और न्याय में देरी का प्रयास कर रही है.
सरकार ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार शुक्रवार को तीन सदस्यीय नए विशेष जांच दल का गठन करके उसे छह महीने में घटना की जांच पूरी करने का निर्देश दिया था.
इस विशेष जांच दल में एडीजीपी (सतर्कता ब्यूरो) एल के यादव, लुधियाना के पुलिस आयुक्त राकेश अग्रवाल और डीआईजी (फरीदकोट रेंज) सुरजीत सिंह को शामिल किया गया है. जांच दल कोट कपूरा गोलीबारी घटना के संबंध में दर्ज दो मामलों की जांच करेगी.
पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि कोट कपूरा गोलीबारी घटना की जांच पूरी करने के लिये एसआईटी को छह महीने की समयसीमा सरकार ने नहीं बल्कि उच्च न्यायालय ने दी है.
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प्रवक्ता ने कहा कि अदालत ने एसआईटी को छह महीने से पहले जांच पूरी करने से नहीं रोका है बल्कि यदि संभव हो तो वह दो महीने में भी जांच पूरी कर सकती है.