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NCPCR ने उप्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने को कहा

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का आग्रह किया है.

Allahabad High Court
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Published : Nov 24, 2021, 7:05 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग उप्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का आग्रह किया है. दरअसल, इस मामले में नाबालिग से जुड़े यौन उत्पीड़न के दोषी की सजा कम कर दी गई थी.

आयोग को किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 109 और बच्चों को बाल अपराधों से संरक्षण (पोक्सो) कानून 2012 की धारा 44 के तहत कानूनों के कार्यान्वयन की निगरानी का अधिकार है. आयोग ने एक पत्र में कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोनू कुशवाहा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में तत्काल अपील किए जाने की आवश्यकता है.

पढ़ें :- बच्चों से ओरल सेक्स गंभीर अपराध नहींः इलाहाबाद हाईकोर्ट

पत्र के अनुसार आयोग को लगता है कि इस मामले में सजा कम करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियां पोक्सो कानून की भावना के अनुरूप प्रतीत नहीं होती हैं. आयोग ने मुख्य सचिव से नाबालिग का ब्योरा देने का भी आग्रह किया है ताकि उसे कानूनी सहायता जैसी मदद मुहैया कराई जा सके. इस मामले में उच्च न्यायालय ने दोषी की 10 साल की सजा घटाकर सात साल कर दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग उप्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का आग्रह किया है. दरअसल, इस मामले में नाबालिग से जुड़े यौन उत्पीड़न के दोषी की सजा कम कर दी गई थी.

आयोग को किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 109 और बच्चों को बाल अपराधों से संरक्षण (पोक्सो) कानून 2012 की धारा 44 के तहत कानूनों के कार्यान्वयन की निगरानी का अधिकार है. आयोग ने एक पत्र में कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोनू कुशवाहा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में तत्काल अपील किए जाने की आवश्यकता है.

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पत्र के अनुसार आयोग को लगता है कि इस मामले में सजा कम करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियां पोक्सो कानून की भावना के अनुरूप प्रतीत नहीं होती हैं. आयोग ने मुख्य सचिव से नाबालिग का ब्योरा देने का भी आग्रह किया है ताकि उसे कानूनी सहायता जैसी मदद मुहैया कराई जा सके. इस मामले में उच्च न्यायालय ने दोषी की 10 साल की सजा घटाकर सात साल कर दी थी.

(पीटीआई-भाषा)

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