प्रतापगढ़: एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी पर राजा भैया की पत्नी भानवी कुमारी सिंह ने FIR दर्ज कराई है. राजा भैया की पत्नी ने अक्षय प्रताप सिंह पर साजिश और धोखाधड़ी का नई दिल्ली में केस दर्ज कराया है. अक्षय प्रताप सिंह जनपद की कुंडा विधानसभा सीट से लगातार सातवीं बार विधायक बने एवं पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी माने जाने वाले हैं. राजा भैया की पत्नी के एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह पर केस दर्ज कराने से सियासी पारा चढ़ गया है.
बता दें कि यूपी की राजनीति में अपना अलग स्थान रखने वाले विधायक रघुराज प्रताप सिंह की पत्नी भानवी कुमारी सिंह अक्षय प्रताप सिंह पर केस दर्ज करवाकर चर्चे में आ गईं हैं. भानवी कुमारी सिंह ने अक्षय प्रताप सिंह सहित 5 अन्य के खिलाफ नई दिल्ली के EOW थाने में केस दर्ज कराया है. उन्होंने MLC पर फर्जीवाड़े समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है. भानवी कुमारी सिंह द्वारा केस दर्ज मामले में क्राइम नंबर 13/2023 में भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 471, 109 और 120बी लगाई गई है.
राजा भैया बोले ये घर-घर की कहानीः जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष व विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने आज पत्नी द्वारा अक्षय प्रताप सिंह पर दर्ज कराई गई एफआईआर को लेकर कहा कि केस दर्ज हुआ है, जो भी सच्चाई होगी सामने आ जाएगी. वह छोटे भाई हैं, कोई चिंता की बात नही हैं. जहां तक मेरी जानकारी है कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है. यह विवेचना का भी विषय है, परिवार बड़ा होता है तो ये घर-घर की कहानी है.
श्री द प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है मामला : राजा भैया की पत्नी भानवी कुमारी सिंह ने एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह पर अपनी कंपनी 'श्री द प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड' में हिस्सेदारी को कम करने और अवैध गतिविधियों को संचालित करने का आरोप लगाया है. बताया है कि उनकी कंपनी से संबंधित और स्वामित्व वाली अचल और चल संपत्तियों को हड़प लिया गया. आराेप लगाया कि अक्षय प्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह और रामदेव यादव को कंपनी के निदेशक के रूप में अवैध रूप से नियुक्त किया गया. आरोप है कि कंपनी के निदेशक के रूप में नामित अक्षय प्रताप सिंह और अन्य ने कंपनी के पंजीकृत पते में अवैध परिवर्तन किया. इसके अलावा कंपनी के वैधानिक लेखा परीक्षक की अवैध पुनर्नियुक्ति, फार्मों की अवैध फाइलिंग के अलावा कंपनी की वार्षिक रिटर्न में भी धोखाधड़ी की गई.
दस्तावेजों के सत्यापन में खुल गई थी पाेल : इस मामले में भानवी कुमारी ने जाली दस्तावेजों के सत्यापन के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ से भी संपर्क किया था. जांच में पाया गया कि सभी दस्तावेज कूट रचित हैं. भानवी कुमारी के सभी हस्ताक्षर फर्जी हैं. राजा भैया की पत्नी ने आरोप लगाया है कि उन्हें कंपनी के मामलों से बेदखल कर दिया गया. दर्ज कराई गई FIR के मुताबिक कंपनी के चार्टर्ड अकाउंट एवं वैधानिक लेखा परीक्षक अरुण कुमार रस्तोगी मंत्रालय के साथ मनगढ़ंत और झूठे दस्तावेज दाखिल करके अक्षय प्रताप सिंह समेत अन्य के साथ साजिश रचते हैं.
नियुक्ति की नहीं दी थी मंजूरी : भानवी कुमारी और उनकी बड़ी बेटी राघवी कुमारी ने कंपनी के किसी भी निदेशक की नियुक्ति की मंजूरी नहीं दी थी, न ही किसी बोर्ड बैठक का आयोजन किया था और न ही उसमें हिस्सा लिया था. इसके अलावा संबंधित बोर्ड बैठक के कार्यवृत्त पर हस्ताक्षर भी नहीं किया था, और न ही किसी तरह का अनुमोदन किया था. मामले में भानवी कुमारी सिंह ने पूर्व सांसद एवं एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी, अनिल कुमार सिंह, इंद्रदेव पटेल, उमेश कुमार निगम, हरि ओम शंकर श्रीवास्तव, कंपनी के चार्टर्ड अकाउंट अरुण कुमार रस्तोगी, राम देव यादव समेत अन्य पर धोखाधड़ी का केस कराया है.
एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी सुलतानपुर में जामो के मूल निवासी हैं. अक्षय प्रताप सिंह 3 बार MLC और एक बार सांसद रह चुके हैं. एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने प्रतापगढ़ शहर में रोडवेज बस अड्डे के पते पर शस्त्र लाइसेंस लिया था. इस मामले में वर्ष 1997 में तत्कालीन नगर कोतवाल डीपी शुक्ला ने नगर कोतवाली में अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें उन्हें कोर्ट ने सजा सुनाई थी. हालांकि, सजा के बाद उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
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