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ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की संख्या पर केंद्र कर रहा फ्रॉड : सिसोदिया - ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को लेकर विवाद

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांग किया कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की सही जानकारी के लिए राज्यों को कमेटी बनाने या अन्य कार्रवाई में कोई हस्तक्षेप न करें.

manish sisodia
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Published : Aug 25, 2021, 9:45 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की संख्या जानने को लेकर चल रही कवायद को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने फ्रॉड बताया है. सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पत्र मिला. जिसमें उन्होंने लिखा है कि दिल्ली सरकार जो डेथ ऑडिट कमेटी बनाना चाहती है, इसकी कोई आवश्यकता नहीं है.

सिसोदिया ने इस पर कड़ा एतराज जताया. उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांग करते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की सही जानकारी के लिए राज्यों को कमेटी बनाने या अन्य कार्रवाई में कोई हस्तक्षेप न करें. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को ही जांच करनी थी, तो राज्यों से पूछने की क्या जरूरत?

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार की लापरवाही से कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठीक से नहीं हुई. इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है. राज्यों को जांच नहीं करने दे रही ताकि केंद्र सरकार का फ्रॉड सामने आ जाएगा.

बता दें कि दिल्ली में ही कई लोगों की कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई थीं. जब मामला संसद और अदालत में गया तब दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की संख्या जानने के लिए ऑक्सीजन डेथ ऑडिट कमेटी बनाने का फैसला लिया. इसके गठन को मंजूरी देने के लिए फ़ाइल LG को भेजी गई तो उन्होंने इसे लौटा दिया था. तब भी मनीष सिसोदिया ने कहा था कि बिना कमेटी के यह कैसे पता लगाया जा सकता कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कितने मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई थी. जब केंद्र सरकार राज्यों से इस संबंध में जानकारी मांग रही है, तो जानकारी जुटाने के लिए इस कमेटी का गठन होना जरूरी है.

दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों दोबारा कमेटी बनाने के लिए फाइल LG को भेजा तो उसे फिर से लौटा दिया गया. इस संबंध में फाइल दोबारा LG को भेज रहे हैं. जिसके बाद मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा था. उसमें लिखा था कि 21वीं सदी में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होना बड़ी बात है. इसलिए सही कारण जानने के लिए डेथ ऑडिट कमेटी का गठन जरूरी है.

ये भी पढ़ें : केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन से होने वाली मौत का नहीं मांगा डाटा : मनीष सिसोदिया

डेथ ऑडिट कमेटी का काम था कि जिन लोगों की दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से जान गई है उनके परिजनों को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा दिलाना. पिछले महीने दिल्ली सरकार ने कमेटी बनाई थी, जिसमें एक्सपर्ट डॉक्टर्स शामिल थे. कमेटी को इस मामले की रिपोर्ट तैयार करने का काम दिया गया था. जिसके आधार पर किसी पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाना था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही LG ने कमेटी को भंग करने का आदेश दे दिया.

नई दिल्ली : कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की संख्या जानने को लेकर चल रही कवायद को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने फ्रॉड बताया है. सिसोदिया ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पत्र मिला. जिसमें उन्होंने लिखा है कि दिल्ली सरकार जो डेथ ऑडिट कमेटी बनाना चाहती है, इसकी कोई आवश्यकता नहीं है.

सिसोदिया ने इस पर कड़ा एतराज जताया. उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मांग करते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की सही जानकारी के लिए राज्यों को कमेटी बनाने या अन्य कार्रवाई में कोई हस्तक्षेप न करें. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को ही जांच करनी थी, तो राज्यों से पूछने की क्या जरूरत?

सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार की लापरवाही से कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति ठीक से नहीं हुई. इसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है. राज्यों को जांच नहीं करने दे रही ताकि केंद्र सरकार का फ्रॉड सामने आ जाएगा.

बता दें कि दिल्ली में ही कई लोगों की कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई थीं. जब मामला संसद और अदालत में गया तब दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की संख्या जानने के लिए ऑक्सीजन डेथ ऑडिट कमेटी बनाने का फैसला लिया. इसके गठन को मंजूरी देने के लिए फ़ाइल LG को भेजी गई तो उन्होंने इसे लौटा दिया था. तब भी मनीष सिसोदिया ने कहा था कि बिना कमेटी के यह कैसे पता लगाया जा सकता कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कितने मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई थी. जब केंद्र सरकार राज्यों से इस संबंध में जानकारी मांग रही है, तो जानकारी जुटाने के लिए इस कमेटी का गठन होना जरूरी है.

दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों दोबारा कमेटी बनाने के लिए फाइल LG को भेजा तो उसे फिर से लौटा दिया गया. इस संबंध में फाइल दोबारा LG को भेज रहे हैं. जिसके बाद मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा था. उसमें लिखा था कि 21वीं सदी में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होना बड़ी बात है. इसलिए सही कारण जानने के लिए डेथ ऑडिट कमेटी का गठन जरूरी है.

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डेथ ऑडिट कमेटी का काम था कि जिन लोगों की दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से जान गई है उनके परिजनों को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा दिलाना. पिछले महीने दिल्ली सरकार ने कमेटी बनाई थी, जिसमें एक्सपर्ट डॉक्टर्स शामिल थे. कमेटी को इस मामले की रिपोर्ट तैयार करने का काम दिया गया था. जिसके आधार पर किसी पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाना था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही LG ने कमेटी को भंग करने का आदेश दे दिया.

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