तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बीच गुरुवार को पार्टी नेता राहुल गांधी ने वन मैन वन पोस्ट का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें इस वर्ष की शुरुआत में राजस्थान के उदयपुर में हुए चितंन शिविर में लिये गये 'वन मैन एक पोस्ट' समेत सभी फैसलों का अनुसरण किये जाने की उम्मीद है. ये संकेत है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को दोहरी भूमिका निभाने के लिए दो पद नहीं मिल सकते. इससे पहले गहलोत ने संकेत दिए थे कि वे राजस्थान के सीएम और अध्यक्ष दोनों पदों पर बने रह सकते हैं.
राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के, दिन के पहले और दूसरे चरण के बीच आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान सवालों के जवाब में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद सिर्फ एक संगठनात्मक पद नहीं है, यह एक वैचारिक पद और एक विश्वास प्रणाली है. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह उदयपुर चिंतन शिविर में 'एक व्यक्ति, एक पद' के फैसले के साथ खड़े रहेंगे तो गांधी ने कहा, "हमने उदयपुर में जो फैसला किया था, हम उम्मीद करते हैं कि वह प्रतिबद्धता बरकरार रखी जाएगी." वायनाड लोकसभा सीट से सांसद गांधी ने कहा कि जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष बनता है, उन्हें याद रखना चाहिए कि वह विचारों के एक समूह, विश्वास की एक व्यवस्था और भारत के एक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं.
पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, "आप ऐतिहासिक पद लेने जा रहे हैं. एक ऐसा पद जो भारत के एक विशेष दृष्टिकोण को परिभाषित करता है और परिभाषित करता भी रहा है." पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालयों और अन्य परिसरों पर देशव्यापी छापेमारी पर गांधी ने कहा, "हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो, उसे लेकर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति होनी चाहिए."
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केरल पहुंचे. अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले बुधवार को, गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के चुनावी समर में उतरने का स्पष्ट संकेत देने के बाद यह संभावना प्रबल हो गई है कि 22 साल बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी का प्रमुख चुनाव के जरिये चुना जाएगा. गहलोत ने कहा था कि वह पार्टी का फैसला मानेंगे, लेकिन उससे पहले राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का एक आखिरी प्रयास करेंगे. बता दें कि 71 वर्षीय अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार की पसंद माना जाता है, लेकिन वे राजस्थान में अपनी मुख्यमंत्री की भूमिका नहीं छोड़ना चाहते. अगर वे ऐसा करते हैं तो उन्हें लगता है कि उनकी जगह सचिन पायलट ले लेंगे, जिनकी बगावत के कारण 2020 में उनकी सरकार लगभग गिरते-गिरते बची थी.