मुंबई: अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मुंबई सत्र न्यायालय की एक विशेष अदालत ने पाया है कि इस बात के निर्णायक सबूत हैं कि डी कंपनी के सदस्यों से उन्होंने मदद ली है. उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन पर जमीन खरीद मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद की बहन हसीना पारकर के साथ वित्तीय लेन-देन करने का आरोप है.
बॉम्बे सत्र न्यायालय में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने पाया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गिरोह से संबंध हैं. ईडी ने नवाब मलिक को 23 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. अदालत ने मलिक के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया. अदालत ने यह भी पाया कि नवाब मलिक सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे.
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इसके अलावा ईडी ने नवाब मलिक पर गोवा को कंपाउंड दिलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. मंत्री नवाब मलिक ने हसीन पारकर के साथ लगातार बैठकें कीं. अदालत ने यह भी देखा कि मनी लॉन्ड्रिंग हुई थी. मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े की पीठ के समक्ष हुई. न्यायाधीश रोकडे ने कहा कि मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त कारण थे. इस बात के सबूत सामने आए हैं कि नवाब मलिक जानबूझकर इस मामले में शामिल थे.