नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है. कई अस्पतालों ने कोरोना संक्रमितों को भर्ती करना बंद कर दिया है. गाजियाबाद के अवंतिका हॉस्पिटल के बाहर खड़े मरीजों के परिजनों का बुरा हाल है.
अस्पताल ने उनसे कह दिया है कि ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम खुद करें. 18 साल की बेटी की जिंदगी बचाने के लिए पिता शैलेश अस्पताल के बाहर परेशान दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की तलाश में बेटी को छोड़कर कहां जाएं. अन्य मरीज के परिजनों का भी यही हाल है. सभी ऑक्सीजन के लिए वे यहां-वहां भटक रहे हैं.
इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि वेंडर की तरफ से ऑक्सीजन की प्रॉपर सप्लाई नहीं हुई है. इसके बारे में वेंडर को अवगत करा दिया गया है. फिलहाल किसी भी मरीज को 100 फीसदी ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था नहीं रह गई है. यही वजह है कि ऑक्सीजन सप्लाई में कटौती की जा रही है. सिर्फ 1 या 2 घंटे की ऑक्सीजन बची है.
अब तक वेंडर ने किया पूरा कोऑपरेट
अस्पताल का कहना है कि वेंडर की तरफ से अब तक पूरा कोऑपरेशन मिला है. इस बार भी वेंडर ने पूरा वादा किया है. जल्द से जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल में सुचारू रूप से भेज दी जाएगी. इसलिए इंतजार कर रहे हैं. मरीजों के परिजनों को भी कहा गया है कि वह घबराएं नहीं. अस्पताल भी अपनी तरफ से पुरजोर प्रयास कर रहा है. मरीजों के परिजनों को धैर्य बनाने के लिए भी आग्रह किया जा रहा है.
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बेबसी की ऐसी तस्वीर नहीं देखी
साल 2020 में भी कोरोना ने अटैक किया था, लेकिन इस तरह की तस्वीर सामने नहीं आई थी, जो अब सामने आ रही है. नोएडा से लेकर गाजियाबाद में एनसीआर के बड़े-बड़े अस्पतालों में जब इस तरह की स्थिति होगी, तो लोगों का क्या हाल होगा. सवाल सबके सामने यही है कि क्या पहले से तैयारी नहीं थी. कोरोना पहले ही कहर दिखा चुका था, तो इन हालातों से निपटने की योजना पहले तैयार क्यों नहीं की गई?