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Power Consumption: बीते वित्त वर्ष में बिजली की खपत 9.5 प्रतिशत बढ़कर 1,503 बिलियन यूनिट हो गई

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) के बिजली आपूर्ति के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में साल-दर-साल बिजली की खपत 9.5 फीसदी बढ़कर 1,503.65 बिलियन यूनिट हो गई.

Electricity consumption to increase by 9.5 percent to 1,503 billion units in 2022-23
2022-23 में बिजली की खपत 9.5 प्रतिशत बढ़कर 1,503 बिलियन यूनिट हो गई
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Published : Apr 16, 2023, 4:39 PM IST

Updated : Apr 16, 2023, 5:29 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय बिजली प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में बिजली की खपत 9.5 प्रतिशत बढ़कर 1,503.65 बिलियन यूनिट हो (Electricity consumption In India increased) गई. 2021-22 में बिजली की खपत 1,374.02 यूनिट थी. 2022-23 में चरम बिजली की मांग भी बढ़कर 207.23 गीगावॉट हो गई, जो 2021-22 में दर्ज 200.53 गीगावॉट से अधिक है. 2023-24 में बिजली की खपत और मांग में और वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि बिजली मंत्रालय के अनुमान के अनुसार गर्मी के में बिजली की अधिकतम मांग 229 गीगावॉट तक पहुंचने की संभावना है.

केंद्र सरकार ने बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए आयातित कोयले से चलने वाले संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने को कहा है. घरेलू कोयले पर चलने वाले बिजली संयंत्रों को भी मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए ब्लेंडिंग के लिए सूखा ईंधन आयात करने के लिए कहा गया है. विशेषज्ञों की राय है कि 2023-24 में बिजली की खपत और मांग में काफी सुधार देखने को मिलेगा. बिजली मंत्रालय ने इस गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 229 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान लगाया है. मंत्रालय कोयला आधारित संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए आयात करने के निर्देश पहले ही जारी कर चुका है.

इस साल मार्च में देश में व्यापक बारिश के कारण बिजली की खपत प्रभावित हुई थी. मार्च 2023 में बिजली की खपत एक साल पहले की अवधि में 128.47 बीयू से घटकर 126.21 बीयू रह गई. अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक बिजली की खपत 2021-22 के स्तर को पार कर गई. अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक बिजली की खपत 1,377.43 बीयू रही, जो पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में दर्ज 1,374.02 बीयू से अधिक है. जानकारों की मानें तो 2023-24 में बिजली की खपत में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की जा सकती है.

नई दिल्ली: केंद्रीय बिजली प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में बिजली की खपत 9.5 प्रतिशत बढ़कर 1,503.65 बिलियन यूनिट हो (Electricity consumption In India increased) गई. 2021-22 में बिजली की खपत 1,374.02 यूनिट थी. 2022-23 में चरम बिजली की मांग भी बढ़कर 207.23 गीगावॉट हो गई, जो 2021-22 में दर्ज 200.53 गीगावॉट से अधिक है. 2023-24 में बिजली की खपत और मांग में और वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि बिजली मंत्रालय के अनुमान के अनुसार गर्मी के में बिजली की अधिकतम मांग 229 गीगावॉट तक पहुंचने की संभावना है.

केंद्र सरकार ने बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए आयातित कोयले से चलने वाले संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने को कहा है. घरेलू कोयले पर चलने वाले बिजली संयंत्रों को भी मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए ब्लेंडिंग के लिए सूखा ईंधन आयात करने के लिए कहा गया है. विशेषज्ञों की राय है कि 2023-24 में बिजली की खपत और मांग में काफी सुधार देखने को मिलेगा. बिजली मंत्रालय ने इस गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 229 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान लगाया है. मंत्रालय कोयला आधारित संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए आयात करने के निर्देश पहले ही जारी कर चुका है.

इस साल मार्च में देश में व्यापक बारिश के कारण बिजली की खपत प्रभावित हुई थी. मार्च 2023 में बिजली की खपत एक साल पहले की अवधि में 128.47 बीयू से घटकर 126.21 बीयू रह गई. अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक बिजली की खपत 2021-22 के स्तर को पार कर गई. अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक बिजली की खपत 1,377.43 बीयू रही, जो पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में दर्ज 1,374.02 बीयू से अधिक है. जानकारों की मानें तो 2023-24 में बिजली की खपत में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की जा सकती है.

(एजेंसी)

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Last Updated : Apr 16, 2023, 5:29 PM IST
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