भोपाल : कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खरगोन हिंसा पर अपने ट्वीट को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा, 'मेरे परिचित ने अनेक चित्रों और वीडियो के साथ इस चित्र को भी साझा किया था, जिसे मैंने डिलीट कर दिया है.' वहीं, उनके खिलाफ एफआईआर होने की बात पर उन्होंने कहा कि 'सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ बोलने से यदि मेरे खिलाफ एक क्या, एक लाख एफआईआर भी हो जाए तो मुझे चिंता नहीं है.' इसके साथ ही भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 'पूरे देश में बीजेपी का एजेंडा चल रहा है. यह मेरे खिलाफ भी चले तो मुझे फर्क नहीं पड़ता.'
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ये था मामला: खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसक घटना हुई थी. इसपर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में बिहार के वीडियो को खरगोन हिंसा का बताया था. उन्होंने पोस्ट कर लिखा था कि क्या तलवार-लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है? क्या खरगोन प्रशासन ने इजाजत दी थी? लेकिन वह तस्वीर खरगोन की नहीं बल्कि बिहार के मुजफ्फरपुर की थी. लेकिन अपनी गलती का अहसास होने पर दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी थी.